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Banyan Tree :कब और क्यों धारण की जाती है बरगद की जड़?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पेड़ों को पूजनीय माना गया है। इसका कारण भी है, क्योंकि अनेक पेड़, पौधों, पुष्पों और पेड़ों की जड़ों में विभिन्न् देवताओं और ग्रहों का वास माना गया है और उनके जरिए जीवन की अनेक परेशानियों, कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है। ऐसा ही एक खास पेड़ है बरगद का। इसे वट वृक्ष या बड़ का पेड़ भी कहा जाता है। इसमें देवताओं का वास मानते हुए पूजा जाता है और विशेष दिनों में तो इसकी खास पूजा भी की जाती है। बरगद के वृक्ष को ज्योतिष और तांत्रिक ग्रंथों के साथ आयुर्वेद में भी प्रमुख स्थान प्राप्त है क्योंकि इस पेड़ के पंचगव्य यानी फूल, फल, पत्ते, छाल और जड़ के जरिए अनेक रोगों का निदान किया जाता है।

बरगद की जड़ के फायदे

बरगद की जड़ के फायदे

हम बात करते हैं बरगद की जड़ की। इसकी जड़ ग्रहों की शांति करने जैसे कार्य में बहुत काम आती है। लोगों को जानकारी नहीं है कि इसकी जड़ कितनी चमत्कारिक रूप से लाभ पहुंचाती है। आइए जानते हैं बरगद की जड़ को कब और क्यों धारण किया जाता है।

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क्या होते हैं लाभ

क्या होते हैं लाभ

  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार बरगद के वृक्ष पर मंगल का आधिपत्य होता है। इसलिए मंगल ग्रह की शांति के लिए बरगद की जड़ धारण करने का विधान है।
  • यदि कोई जातक वट वृक्ष की जड़ को धारण करता है तो उसकी जन्मकुंडली में मंगल से जुड़े समस्त दोष समाप्त हो जाते हैं।
  • मंगलीक दोष के कारण किसी जातक के विवाह में बाधा आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ से मंगल दोष की शांति होती है।
  • वट वृक्ष की जड़ धारण करने से कुंडली का अंगारक दोष शांत होता है।
  • भूमि, भवन, संपत्ति संबंधी कार्यों में रूकावट आ रही हो तो वट वृक्ष की जड़ धारण करें।
  • लॉकेट अवश्य धारण करना चाहिए

    लॉकेट अवश्य धारण करना चाहिए

    • प्रॉपर्टी का व्यवसाय, खेती से जुड़े कार्य करने वालों को इसकी जड़ का लॉकेट अवश्य धारण करना चाहिए।
    • वट वृक्ष की जड़ कर्जमुक्ति करवाने का प्रमुख मार्ग है। इसे पहनने से कर्ज मुक्ति जल्द हो जाती है।
    • स्त्रियों में रक्त संबंधी अनियमितताएं वट वृक्ष की जड़ पहनने से दूर हो जाती है।
    • देवताओं में ब्रह्मा का वास वट वृक्ष में माना गया है इसलिए ब्रह्मा की कृपा भी प्राप्त होती है।
    • इसकी जड़ धारण करने से ना केवल मानसिक शांति और विचारों की शुद्धता प्राप्त होती है बल्कि दिमाग फोकस्ड भी होता है।
    • अनेक बीमारियों में भी इसकी जड़ लाभकारी होती है। इसकी जड़ को यदि दूध के साथ घीसकर महिला को पिलाई जाए तो नि:संतानता की समस्या दूर होती है।
    • कैसे पहनें वट वृक्ष की जड़

      कैसे पहनें वट वृक्ष की जड़

      • पहनने से पहले जड़ को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से अच्छी तरह धो लें।
      • इसका सामान्य पूजन करने के बाद इसे सफेद कपड़े में बांधकर कमर या बाजू में बांध लें।
      • इसे चांदी के लॉकेट में भरकर भी पहना जा सकता है।
      • वट वृक्ष की जड़ को धारण करने के बाद ब्रह्माजी के नाम का दीया और धूप जरूर लगाएं तथा उस समय ऊं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का एक माला जाप करें।
      • इसकी जड़ को बुधवार, मंगलवार या मृगशिरा, चित्रा या धनिष्ठा नक्षत्र में पहनना चाहिए।

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English summary
the Banyan Tree also symbolizes the Trimurti-Lord Vishnu, Lord Shiva and Lord Brahma. The tree also symbolizes life and fertility in many Hindu cultures.
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