चंद्रग्रहण से पहले भूकंप के झटके, जानिए क्या है कनेक्शन!
शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में शुक्रवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के ये झटके दोपहर लगभग 1.42 बजे के आस-पास महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की झटकों की तीव्रता 3.8 थी। भूकंप के झटके आस-पास के रिहायशी इलाकों में महसूस किए गए हैं। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम थी, लिहाजा किसी तरह के नुकसान की अभी तक कोई खबर नहीं है।
चंद्रग्रहण से पहले भूंकप...
वैसे तो इसका ग्रहण से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन फिर भी भूकंप की घटना ने धर्मशास्त्रियों को चौकन्ना कर दिया है क्योंकि आज पूर्ण चंद्रग्रहण है और आज ही 'ब्लडमून' भी दिखाई देगा।
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चांद का लाल रंग प्रलय की निशानी
पंडितों के मुताबिक चांद का लाल रंग प्रलय की निशानी है, इसको लेकर पहले से ही विनाश की कई भविष्यवाणियां की जा चुकी हैं, कहते हैं इन योगों का असर ग्रहों, पर्यावरण और वातावरण नकारात्मक होता है। इस दौरान बाढ़, भूकंप जैसी घटनाएं हो सकती हैं इसी कारण ग्रहण से पहले भूंकप का आना शास्त्रों के ज्ञानियों की पेशानी पर बल दे गया है। आपको बता दें कि इसी साल 31 जनवरी को भी जब चंद्रग्रहण लगा था तब भी ग्रहण के पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
ग्रहण का असर तीन महीने तक रहता है
आपको बता दें कि पंडितों के मुताबिक ग्रहण का असर तीन महीने तक रहता है इसलिए उन्होंने ग्रहण से पहले अगले तीन महीने तक लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से अलर्ट रहने के लिए कहा था। आपको बता दें कि विज्ञान के मुताबिक भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के आपस में टकराने के कारण आते हैं और ज्योतिष के अनुसार टेक्टोनिक प्लेटें ग्रहों के प्रभाव से खिसकती हैं और टकराती हैं तो भूकंप का जन्म होता है।
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