चंद्र ग्रहण से पहले भूकंप के झटके, कहीं कालसर्प योग का प्रभाव तो नहीं?
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में बुधवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, मिली जानकारी के मुताबिक ये झटके 12 बजकर 40 मिनट पर महसूस किए गए है, दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में इसका असर देखने को मिला तो वहीं पाकिस्तान और कजाकिस्तान से भी भूकंप की खबर है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 नापी गई है, पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक बलूचिस्तान में कई लोगों घायल हुए हैं लेकिन अभी तक भारत से किसी के हताहत होने की खबर नहीं हैं।
भूकंप की घटना ने धर्मशास्त्रियों को चौकन्ना कर दिया है क्योंकि आज साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण है और आज ही ब्लडमून भी दिखाई देगा। पंडितों के मुताबिक चांद का लाल रंग प्रलय की निशानी है। आज जब ग्रहण लगेगा तो पुष्य नक्षत्र और अनंत कालसर्प योग बन रहे हैं। कहते हैं इन योगों का असर ग्रहों, पर्यावरण और वातावरण नकारात्मक होता है। इस दौरान बाढ़, भूकंप जैसी घटनाएं हो सकती हैं इसी कारण ग्रहण से पहले भूंकप का आना शास्त्रों के ज्ञानियों की पेशानी पर बल दे गया है।
ग्रहण का असर तीन महीने तक रहता है
आपको बता दें कि पंडितों के मुताबिक ग्रहण का असर तीन महीने तक रहता है इसलिए उन्होंने ग्रहण से पहले अगले तीन महीने तक लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से एलर्ट रहने के लिए कहा था। आपको बता दें कि विज्ञान के मुताबिक भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के आपस में टकराने के कारण आते हैं और ज्योतिष के अनुसार टेक्टोनिक प्लेटें ग्रहों के प्रभाव से खिसकती हैं और टकराती हैं तो भूकंप का जन्म होता है।
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