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शनि-पुष्य का शुभ संयोग आज, शनि को खुश करने का दिन

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। नक्षत्रों का राजा कहलाता है पुष्य नक्षत्र, इसके स्वामी हैं शनिदेव और अधिष्ठाता देवता हैं बृहस्पति। पुष्य नक्षत्र कुछ विशेष वार के साथ मिलकर शुभ संयोग बनाता है। इनमें रवि पुष्य, गुरु पुष्य को सर्वाधिक शुभ माना जाता है। गुरु पुष्य और रवि पुष्य के योग में की गई खरीदी फलदायी होती है और यदि इस नक्षत्र में कोई काम प्रारंभ किया जाए तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। गुरु पुष्य और रवि पुष्य की तरह शनि पुष्य का भी महत्व है। शनिवार के दिन पुष्य नक्षत्र का आना शुभ माना जाता है क्योंकि पुष्य नक्षत्र के स्वामी ही शनि हैं इसलिए शनिवार को आने से पुष्य का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

शनि पुष्य का शुभ संयोग

शनि पुष्य का शुभ संयोग

शनि पुष्य का यह शुभ संयोग बन रहा है आज। आज पुष्य नक्षत्र सायं 4 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। शनिदेव को प्रसन्न् करने के लिए यह दिन सबसे अच्छा माना जाता है। जो व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती या ढैया से परेशान हैं उन्हें इस दिन कुछ खास उपाय करके शनि को प्रसन्न् करने का प्रयास करना चाहिए.....

आइए जानते हैं इस शुभ दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में

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शनि को करें खुश

शनि को करें खुश

  • शनि के दुष्प्रभाव कम करने के लिए शनि-पुष्य योग के दिन एक रोटी पर सरसो का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाएं।
  • शनि-पुष्य के दिन सरसो के तेल से शनिदेव का जलाभिषेक करने से शनि की पीड़ा समाप्त होती है।
  • इस योग के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को काले कंबल, काला छाता, काली-नीली चप्पल, लोहे के बर्तन, तिल की बनी मिठाइयां दान में दें। इससे शनि की शुभता प्राप्त होती है।
  • शनि पुष्य के दिन शनि मंदिर में तिल के तेल का दीपक लगाकर वहीं बैठकर 21 बार शनि स्तवन या शनि चालीसा का पाठ करें। आर्थिक संकट दूर होंगे।
  • शनि पुष्य के दिन अपने दाहिने हाथ की लंबाई का कच्चा सूत नापकर लें। इसकी 21 आवृत्ति करके गले में माला की तरह पहनें। इससे शनि के दोष समाप्त होंगे। कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी। सर्वत्र विजय होगी।
  • यदि आपको लग रहा है कि आपको किसी की बुरी नजर लग गई है। किसी ने टोना टोटका कर दिया है तो शनि-पुष्य के दिन पानी वाले 11 नारियल बहते जल में प्रवाहित करें।
  • लाल चंदन की माला से ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र की 11 माला जाप करने से शनि के दोष दूर होते हैं।
  • यदि आपके साथ बार-बार वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं तो शनि पुष्य के दिन सवा मीटर काले कपड़े में तीन नारियल और 10 रुपए का सिक्का बांधकर अपने सिर के ऊपर से घड़ी की सुई की दिशा में 21 बार घुमाएं और बहते जल में प्रवाहित कर दें।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, बिल्डिंग मटेरियल, लोहे, तेल, वाहनों के व्यापारियों को इस दिन शनिदेव की विशेष आराधना करना चाहिए।
  • खरीदी के लिए शुभ क्यों?

    खरीदी के लिए शुभ क्यों?

    लोगों के बीच यह भ्रांति रहती है कि शनिवार के दिन कोई भी वस्तु नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। शनिवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग आने से यह दिन शुभ हो जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तुए लंबे समय तक स्थायी बनी रहती है। उनका क्षय नहीं होता। शनि को स्थायी संपत्ति का कारक भी माना गया है इसलिए संपत्ति बनाना चाहते हैं तो इसी दिन क्रय करें।

     गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ

    गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ

    गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 13 जुलाई को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से हो गया है और यह तिथि तड़के 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो गई है। इस प्रकार प्रतिपदा तिथि का क्षय हो गया है। 14 जुलाई को द्वितीया तिथि लगी है। हालांकि कुछ पंचांगों में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आज से मानी गई है।

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English summary
Auspicious Time Pushya Nakshtra Is Going On Saturday 14 July, Here is puja Vidhi.
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