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Akshaya Tritiya 2020: अक्षय तृतीया पर करें स्वर्ण की पूजा, भरेंगे धन के भंडार

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। यह वर्ष के स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में से एक है इसलिए इसका बड़ा महत्व है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए बड़ी संख्या में इस दिन विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। हालांकि इस साल कोरोना वायरस के लॉकडाउन के कारण पूरा देश बंद है इसलिए विवाह समारोह बड़े पैमाने पर आयोजित नहीं किए जा सकेंगे। इस वर्ष अक्षय तृतीया 26 अप्रैल 2020, रविवार को मनाई जाएगी। इस बार तृतीया तिथि 25 अप्रैल को प्रात: 11.51 बजे से शुरू हो जाएगी, लेकिन चूंकि उदयकालीन तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए अक्षय तृतीया का पर्वकाल 26 अप्रैल को माना जाएगा। इस दिन तृतीया तिथि दोपहर 1.22 बजे तक ही रहेगी, लेकिन पर्वकाल पूरे दिन रहेगा।

भगवान परशुराम का जन्मोत्सव

भगवान परशुराम का जन्मोत्सव

अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विष्णु के नर और नारायण अवतार लेने के साथ त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है। इस दिन स्वर्ण खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही पवित्र नदियों में स्नान करके दान-पुण्य करने से करोड़ों यज्ञों के समान पुण्य प्राप्त होता है। जैसा कि 'अक्षय" नाम से ही ज्ञात है, इस तिथि में किए गए कार्य का फल कभी नष्ट नहीं होता। इस दिन किए गए दान का अक्षय पुण्य मिलता है।

खरीद नहीं सकते तो स्वर्ण पूजा जरूर करें

अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने और उसकी पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में हमेशा संपन्न्ता बनी रहती है। लेकिन इस बार बाजार बंद होने की वजह से सोना नहीं खरीद पाएंगे, यदि लॉकडाउन कुछ राज्यों में खुल भी गया तो भी आपको घर में ही रहना है। इसलिए आपके घर में सोने के जो भी आभूषण उपलब्ध हों, उनकी ही पूजा कर लें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्वर्ण पर विशेषतौर पर बृहस्पति का आधिपत्य होता है। कमर के नीचे सोना धारण नहीं किया जाता है क्योंकि यह लक्ष्मी का प्रतीक है। इसीलिए स्वर्ण की पायल या बिछिया नहीं पहनी जाती है। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति खराब हो उन्हें शुद्ध सोना धारण करने से बचना चाहिए।

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लक्ष्मी की प्रसन्न्ता के लिए यह जरूर करें

लक्ष्मी की प्रसन्न्ता के लिए यह जरूर करें

अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण के साथ लक्ष्मी की पूजा का भी खास महत्व होता है। इस दिन दीपावली की तरह ही महालक्ष्मी का पूजन भी किया जाता है। घर के सभी स्वर्ण आभूषणों को कच्चे दूध और गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर एक लाल कपड़े पर रखें और केसर, कुमकुम से पूजन कर लाल पुष्प अर्पित करें। इसके बाद महालक्ष्मी के मंत्र 'ऊं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मयै नम:" मंत्र की एक माला कमलगट्टे की माला से जाप करें। कर्पूर से आरती करें। इसके बाद शाम के समय इन आभूषणों को यथास्थान तिजोरी में रख दें।

अक्षय तृतीया पर्व तिथि व मुहूर्त

अक्षय तृतीया पर्व तिथि व मुहूर्त

  • तृतीया तिथि आरंभ : 25 अप्रैल को दोपहर 11.51 बजे से
  • तृतीया तिथि समाप्त : 26 अप्रैल को दोपहर 1.22 बजे तक

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English summary
Akshaya Tritiya which is also known as Akha Teej is highly auspicious and holy day for Hindu communities.
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