क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Kundali: कैसे और कहां होगी मृत्यु, राज खोल देगा अष्टम भाव

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

Eighth House in Astrology: मनुष्य सबसे ज्यादा अपनी मृत्यु को लेकर भय में रहता है। उसे अपने जीवन से ज्यादा मृत्यु की चिंता होती है। पूरे जीवन उसे यही डर सताता रहता है किमेरी मृत्यु कहां, कैसे और किस परिस्थिति में होगी। ज्योतिष एक अद्भुत विज्ञान है और इसमें जन्म पूर्व से लेकर मृत्यु के बाद तक की संपूर्ण बातें ज्ञात की जा सकती हैं। वैदिक ज्योतिष में मनुष्य की जन्मकुंडली के अष्टम भाव को आयु या मृत्यु का भाव कहा जाता है।इस भाव में स्थिति राशि, ग्रह, ग्रहों की दृष्टि और दृष्टि संबंध के आधार पर आसानी से ज्ञात किया जा सकता है किव्यक्ति मृत्यु कब और कहां होगी। आयु या मृत्यु के संदर्भ में अष्टम भाव का विचार करने के साथ अन्य शुभाशुभ ग्रहों और ग्रह युतियों का संबंध देख लेना भी उचित रहता है।

Kundali: कैसे और कहां होगी मृत्यु, राज खोल देगा अष्टम भाव

आइए जानते हैं अष्टम भाव में स्थित राशि और ग्रह के अनुसार मनुष्य की मृत्यु के बारे में...

किस वस्तु से होगी मृत्यु

  • जन्मकुंडली के अष्टम भाव में सूर्य हो तो जातक की मृत्यु अग्नि से होती है। यह अग्नि किसी भी प्रकार की हो सकती है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं से, पेट्रोल-डीजल, गैस, वाहन या अन्य सभी प्रकार की अग्नि।
  • अष्टम भाव में चंद्र हो तो जातक की मृत्यु जल से होती है। नदी, तालाब, समुद्र, कुएं, बावड़ी में डूबने से। जल जनित रोगों आदि से मृत्यु होती है।
  • अष्टम भाव में मंगल हो तो अस्त्र-शस्त्र, चाकू, छुरी से कटने से मृत्यु होती है। किसी आकस्मिक दुर्घटना में शरीर में अनेक कट लगने से मृत्यु हो सकती है।
  • अष्टम भाव में बुध हो तो जातक की मृत्यु किसी प्रकार के ज्वर, बुखार, संक्रमण, वायरस, बैक्टीरिया आदि से हो सकती है।
  • अष्टम भाव में बृहस्पति होने पर जातक की मृत्यु अजीर्ण, अपच, पेट रोगों से होती है। फूड पॉइजनिंग, खानपान में लापरवाही से होने वाले रोगों से मृत्यु होती है।
  • अष्टम भाव में शुक्र हो तो जातक की मृत्यु भूख से होती है। अर्थात् किसी रोग के कारण जातक कुछ खा न पाए या समय पर कुछ खाने को न मिले तो मृत्यु हो सकती है।
  • जन्मकुंडली में अष्टमस्थ शनि हो तो जातक की मृत्यु प्यास या पानी की कमी से होती है। ऐसे जातक को किडनी रोग या जल की कमी से होने वाले रोगों के कारण मृत्यु होती है।
  • यदि राहु केतु समेत अनेक ग्रह अष्टम में हो तो जो ग्रह सबसे ज्यादा बली होता है, उसी के अनुसार मृत्यु समझना चाहिए।

कहां होगी मृत्यु

  • मृत्यु कहां होगी यह भी अष्टम भाव को देखकर ज्ञात किया जा सकता है।
  • जातक की जन्मकुंडली के अष्टम भाव में चर राशियां मेष, कर्क, तुला, मकर हो तो जातक की मृत्यु घर से दूर या दूसरे शहर या विदेश में होती है।
  • अष्टम भाव में स्थिर राशियां वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ हो तो जातक की मृत्यु अपने ही घर में होती है।
  • अष्टम भाव में द्विस्वभाव राशियां मिथुन, कन्या, धनु, मीन हो तो जातक की मृत्यु घर से बाहर मार्ग में होती है।

यह पढ़ें: जानिए कब और किसे धारण नहीं करना चाहिए 'रुद्राक्ष'यह पढ़ें: जानिए कब और किसे धारण नहीं करना चाहिए 'रुद्राक्ष'

Comments
English summary
Eighth House in Astrology is also known as “House of Longevity” or “Ayu Bhava” It represents the one’s longevity or span of life in this world. This house is also considered as the house of death.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X