वास्तु: दक्षिण दिशा से जुड़े मिथक और वैज्ञानिक तर्क
किसी भी देश व प्रदेश का वास्तु वहां की जलवायु पर निर्भर करता है। आमतौर पर प्रचलित है कि दक्षिण दिशा अनुकूल नहीं है। दक्षिण मुखी प्लाट, दुकान, ऑफिस आदि होना अशुभ माना जाता है। इत्तेफाक से दक्षिण दिशा वाले मकान को खरीदने के बाद अगर कोई अनहोनी हो गई, तो लोग सीधे मकान को दोष देते हैं। लेकिन ऐसा क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं हमारे मन में दक्षिण दिशा से जुड़े मिथक घर कर गये हों?
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दरअसल जिन क्षेत्रों में गर्मी अधिक पड़ती है, उन क्षेत्रों में मकान, दुकान, ऑफिस आदि का दरवाजा रखने से सूर्य की तपिस अधिक झेलनी पड़ती है। चूंकि सूर्य का प्रकाश अधिकतम समय तक दक्षिण दिशा में ही रहता है। जिस कारण दक्षिण दिशा गर्मी के दिनों में अधिक कष्टकारी रहती है, इसलिए दक्षिण दिशा को अशुभता की श्रेणी में रखा गया है।
यहां दक्षिण मुखी मकान लाभप्रद
जिन प्रदेशों या स्थानों पर ठण्डक अधिक रहती है वहां पर दक्षिण दिशा लाभदायक प्रतीत होगी क्योंकि ठण्डक वाले स्थानों पर सूर्य की किरणों की अधिक आवश्यकता होती है।
उत्तर दिशा क्यों होती है शुभ?
भारत में उत्तर दिशा में हिमालय है, वहीं से पवित्रता की द्योतक महानदी गंगा का प्रार्दुभाव है। गंगा का जल भारत के लिए अमृत तुल्य और विश्व के लिए अजूबा है। उत्तर दिशा में हिमालय है, जिसके शिखर पर शिव जी विराजमान हैं, अतः भारत के लिए उत्तर दिशा शुभ है। भारत में अधिकतर पूर्वी और उत्तरी हवायें चलती है, जो सुखद एंव अनुकूल होती है, इसलिए भारत में अधिकतर घरों में खिड़की और दरवाजे पूर्व एंव उत्तर दिशा में रखते हैं।
दक्षिण दिशा किसके लिये लाभकारी, किनके लिये अशुभ? पढ़ें स्लाइडर में-
दक्षिण का स्वामी मंगल
दक्षिण दिशा का स्वामी मंगल है, मंगल विस्फोटक है, अक्रामक है, युद्ध प्रिय है। यदि आपका स्वामी ग्रह मंगल है, तो दक्षिण दिशा आपके लिये कभी कष्टकारी नहीं हो सकती।
इनके लिये है शुभ
सेना, पुलिस, प्रशासन, भूमि, रक्षा विभाग , डॉक्टर, मेडिकल स्टोर, इलेक्ट्रानिक मीडिया, इलेक्ट्रानिक उपकरणों के बिजनेस से जुड़े लोग आदि के लिए दक्षिण दिशा शुभकारक होती है।
राहु है बलवान तो भी
जिन लोगों की कुंडली में मंगल व राहु बलवान होता है, उनके लिए भी दक्षिण दिशा में मकान, फ्लैट या ऑफिस बनाना लाभप्रद होता है।
इनके लिये है अशुभ
जो लोग जल से सम्बन्धित कार्य करते है, लोहे, ट्रांसपोर्ट, अधिवक्ता, नेवी, शिक्षक व न्याय विभाग आदि से जुड़े हैं, उनके लिए दक्षिण दिशा में भवन बनाना शुभ नहीं होता है।
मंगल कमजोर तो भी
कुण्डली में जिनका मंगल व राहु पीड़ित है या पाप ग्रहों से दृष्ट है। ऐसे लोगों के लिए दक्षिण दिशा शुभ नहीं मानी जाती है।