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नूतन संवत्सर 2073 आरम्भ, जानिए कैसा होगा

By पं.अनुज के शुक्ल
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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नूतन संवत्सर आरम्भ होता है। इस दिन सभी लोगों को चाहिए कि अपने घर पर ध्वज लगायें। मंगल स्नान कर देवता, ब्राहम्ण गुरू और धर्म ध्वजा की पूजा करें और उसके नीचे पंक्तिबद्ध बैठकर सभी एक स्वर में ध्वज गीत का गायन करें। इस बार नवसंवत्सर का शुभारम्भ 8 अप्रैल दिन शुक्रवार को हो रहा है। वर्ष की शुरूआत सौम्य नामक संवत्सर से हो रही है।

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Nav Varsh Samvat 2073 or Vikram Samvat or Hindi New Year in 2016 or Soumya Samvatsar Begins

संवत् 2073 में सौम्य नामक संवत्सर होने पर वर्षा अधिक होती है और कृषि उपज में वृद्धि होने से लगभग सभी पदार्थ सस्ते होते है। संवत्सर का निवास धोबी के घर में है, जिससे कुआं, बावली, तालाब, नदी व वन जल से भरपूर रहेंगे। समय का वाहन हाथी है जिसके कारण जनता सुखी रहेगी व वर्षा अच्छी होगी।

सौम्य नामक संवत्सर की मंत्रिपरिषद कुछ इस प्रकार है..

  • राजा-शुक्र, मन्त्री-बुध, सस्येश- शनि, धान्येश-गुरू, मेघेश-भौम, रसेश-चन्द्र, नीरसेश-शनि, धनेश-शुक्र, दुर्गेश-भौम
  • राजा शुक्र- राजा शुक्र होने से अनाज की पैदावर अच्छी होती है। देश की जनता भौतिक वस्तुओं में व्यय अधिक करती है। राजा यात्रायें करने में अपना समय अधिक व्यतीत करता है।
  • मन्त्री बुध- बुध ग्रह बुद्धि व युवाओं का संकेतक है। जिससे देश में युवाओं की भागीदारी विशेषकर रहेगी। देश के उत्थान व विकास में युवाओं का अहम रोल होगा। मन्त्री बुध होने से राजा को सलाह अच्छी और बुद्धिमत्तापूर्ण मिलती है।
  • सस्येश शनि- शनि के सस्येश होने से शासक वर्ग से जनता व्यथित और पीडि़त होंगे। जनता को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
  • मेघेश मंगल- कहीं अतिवृष्टि होती है और कहीं अनावृष्टि होती है। जिससे कृषक वर्ग को नुकसान होता है। शिक्षक व गुरू आदि अधर्म का आचरण करते है।
  • नीरसेश शनि- शनि के नीरसेश होने से लोहा-जिंक आदि धातुयें और काले वस्त्र व काली वस्तुयें आदि धान्य पदार्थ सस्ते होते है।
  • रसेश चन्द्र- चन्द्र के कारण पुरूष व स्त्रियों में आपसी प्रेम भावनायें अधिक होती है। वर्षा श्रेष्ठ और रस वाले फलों का उत्पादन अच्छा होता है।
  • धनेश शुक्र- प्रत्येक वर्ग की आय बढ़ती है, जिससे जीवन स्तर उॅचा होता है। व्यापारियों को क्रय-विक्रय से लाभ होता है। शासक भी जनता की भलाई के लिए नित्य प्रयास रहते है।

सौम्य संवत्सर का फल

सौम्य नामक 2073 संवत् में शुभ और पापग्रहों को समान अधिकार दिये गये है। दोनों पक्षों को पांच पद दिये गये है। राज्य पद एंव मन्त्री पद समन्वयवादी ग्रह शुक्र और बुध को प्रदान दिये गये है, जिसमें देश में आपसी प्रेम व सहिष्णुता का वातावरण बना रहेगा। देश की सुरक्षा पर समय-समय पर अधिक ध्यान दिया जायेगा। विदेशों में भारत की छवि पहले से बेहतर होगी। प्राकृतिक आपदाओं पर धन का अपव्यय अधिक होगा। देश के कुछ हिस्सों में कृषक आन्दोलन भी हो सकते है। औद्योगिक विकास होगा साथ ही अनेक औद्योगिक कारखानों में विस्फोट से जन-धन की हानि होगी। विदेशी व्यापार से आय में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहेगा।

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English summary
Nav samvatsar 2073 start on 8 april. The New Year is first day after the Amavasi (No moon) in the month of Chaitra.
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