जीवन में चंद्रमा की सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिये वास्तु टिप्स
[पं. अनुज कुमार शुक्ल] आप सोचते होंगे कि वास्तु का ग्रहों से क्या लेना-देना, तो उत्तर है घर के वास्तु का एक-एक हिस्सा किसी न किसी ग्रह का प्रतिबिंब होता है। बात अगर चंद्रमा की करें तो यदि आपका चंद्रमा खराब है, तो जिस घर के आप स्वामी हैं, उस घर में कहीं न कहीं वास्तु दोष जरूर होगा।
चंद्रमा पश्चिम व वायव्य दिशा का स्वामी होता है। जब आपकी कुण्डली में चंद्रमा खराब अवस्था में होगा तो उसका सीधा असर आपके घर के वास्तु पर पड़ेगा। आपके घर की पश्चिम दिशा दूषित होगी। इससे घर में तनाव भरा माहौल रहेगा। महिलाओं गुप्त रोग परेशान करेंगे। ब्लड से सम्बन्धित रोग घर के सदस्यों को होने की प्रबल आशंका रहेगी। खराब वास्तु के कारण आपके घर में धन टिकेगा नहीं।
जाहिर है, आप अपनी कुंडली तो नहीं बदल सकते, लेकिन हां घर के वास्तु में कुछ परिवर्तन जरूर कर सकते हैं।
यहां कुछ वास्तु टिप्स हैं, जिन्हें अपना कर आप अपने चंद्रमा को बलवान बना सकते हैं-
- घर की पश्चिम दिशा को ऊंचा करें एंव वहां पर भारी सामान रखें।
- घर में जल को कतई बर्बाद न करें। यदि पानी की टोटी खराब हो जाती है, या पाइप टूट जाता है तो उसे तुरंत बदलें।
- पश्चिम दिशा में एक झाड़-फांनूस टांगें।
- घर के पश्चम-उत्तर हिस्से में गुलाबी रंग का बल्ब लगायें और शाम होते ही उसे ऑन कर दें।
- मेन गेट घर के बाहर अष्टकोणी (8 कोण वाला) दर्पण लगायें। दर्पण ऐसे हो कि बाहर खड़े व्यक्ति को उसमें अपना प्रतिबिंब नजर आये।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करेंगी।
- घर के पश्चिम में क्रिस्टल रखें, इससे पश्चिम हिस्से में स्थित सकारात्मक ऊर्जा घर की अन्य दिशाओं में फैलेगी।
यह सब करने से आपके घर की पश्चिम व वायव्य दिशा सक्रिय हो जायेगी। और कुंडली में कमजोर चंद्रमा होते हुए भी घर का वास्तु आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करेगा।