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इस शिवरात्रि पर राशियों के मुताबिक करें, शिव जी को प्रसन्न

By पं. अनुज के शुक्ल
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भगवान शंकर स्ंसार के प्रथम गुरू जिनसे मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हुई है। जागराण की रात्रि महाशिवरात्रि प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की चतुदर्शी को मनाई जाती है। फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि क्यों महत्वपूर्ण है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान शिव का अंश प्रत्येक शिवलिंग पर पूरे दिन और रात मौजूद रहता है।

शिव पुराण के अनुसार शिवरात्रि की मध्य रात्रि में शिव अपने रूद्र रूप में प्रकट हुये थे। शिवरात्रि के दिन आकाश से मिलने वाली उर्जा मनुष्य के शरीर में नीचे की से ऊपर की ओर बढ़ती है। योग परम्परा में शिव का पूजन भगवान मानकर नहीं बल्कि आदि गुरू मानकर किया जाता है।

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शिवरात्रि व्रत की विधि- आज के दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान से निवृत होकर सर्वप्रथम भगवान शिव के व्रत का संकल्प लें तत्पश्चात अपने घर में सम्भव हो तो मिट्टी का शिवलिंग स्थापित करके विधिवत पूजन करें। यदि ऐसा सम्भव न हो तो निकट के किसी शिव मन्दिर में जाकर दूध से या सादे जल में गंगालज मिलाकर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए और आम के पत्ते, बिल्वपत्र, शमी के पत्ते, धतूरे और अक्षत आदि शिव पर चढ़ाने चाहिए।

राशि के हिसाब से चुनिए अपना परफ्यूम

शिवरात्रि में रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है। जागरण के समय रूद्र अष्टाध्यायी, शिव स्त्रोत, महा मृत्युंजय मन्त्र या फिर पंचाक्षरी मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए। ब्रत से अगले दिन स्नान करके ब्राह्राणों को भोजन कराके स्वंय भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से शंकर जी की विशेष कृपा आपके परिवार पर बनी रहती है।

राशियों के मुताबिक करें, शिव जी को प्रसन्न-

मेष- कनेर के पुष्प और शहद से शिव जी का अभिषेक करनें से कार्य सिद्ध होंगे तथा परिवार में वृद्धि होगी।

वृष- कच्चे दूध में मिश्री मिलाकर शिव जी का पूजन करने से सन्तान का विकास होगा एंव लक्ष्मी जी सदा सहाय रहेगी।

मिथुन- भांग मिश्रित दूध से शिव जी अभिषेक करेंगे तो मनोकामनायें पूर्ण होगी तथा नौकरी व व्यवसाय में प्रगति होगी।

कर्क- घी, शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर शिव जी प्रसन्न होकर मनचाही सन्तान का अशीर्वाद देते है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

सिंह- गुलाब जल मिश्रित दूध से शिव जी का अभिषेक करने पर सामाजिक कार्यो में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी एंव धन में वृद्धि होगी।

कन्या- धतूरा, गाॅजा, शमी तथा दही से शिव जी का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होगा और रूके हुये कार्यो में प्रगति होगी।

तुला- पंचामृत से शिव जी का अभिषेक करेंगे तो आर्थिक स्थिति में मजबूती आयेगी एंव सन्तान सुशिक्षित व आज्ञाकारी होगी।

वृश्चिक- दूध में बिल्वपत्र मिलाकर शिव जी का अभिषेक करने से दुःख व कष्ट दूर होकर घर में सुखद वातावरण बना रहेगा।

धनु- दूध में कनेर के फूल व शहद मिलाकर शिव जी का अभिषेक करने से रिश्तों में मजबूती आती है एंव व्यवसाय में प्रगतिशीलता आयेगी।

मकर- गन्ने के रस से शिव जी का अभिषेक करने पर परिवार में सुख व समृद्धि आयेगी तथा शरीर में निरोग्यता आयेगी।

कुम्भ- खीर से शिव जी का अभिषेक करने से घर के क्लेश मिटते है एंव सन्तान सही मार्ग पर चलती है।

मीन-दूध में भांग, तुलसी, गन्ने का रस , मौलगिरी व कटेली के पुष्प मिलाकर शिव जी का अभिषेक करने से सभी प्रकार की बाधायें समाप्त होती, भय दूर होता है एंव आय के स्रोत बनते है।

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English summary
Maha Shivratri is a Hindu festival celebrated annually in reverence of the god Shiva. It is the day Shiva was married to the goddess Parvati.
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