4 अप्रैल 2015 का चंद्रग्रहण राजनीतिक और अभिनेताओं के लिए शुभ नहीं
शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती है और शनिवार को ही चंद्र ग्रहण भी रहेगा। ये ग्रहण 3 घंटे 36 मिनट का रहेगा। इस दिन चंद्र कन्या राशि में रहेगा। इस कारण कन्या राशि के लोगों को ग्रहण देखने से बचना चाहिए। हनुमान जयंती पर 4 अप्रैल को खग्रास चंद्रग्रहण पड़ रहा है।
ज्योतिष मान रहे हैं कि यह ग्रहण हनुमान जयंती के दिन 15 साल बाद पड़ा है। इससे राजनीतिक लोग, अभिनेता, प्रचारकों को नुकसान पहुंच सकता है। ग्रहण के चलते शहर समेत जिले भर के हनुमान मंदिरों में पट बंद रहेंगे तो कुछ में ब्रह्म मुहूर्त में ही पूजा होगी। इस ग्रहण के सूतक तड़के 3.46 बजे शुरू हो जाएंगे, जो कि पूरे दिन रहेंगे।
4 अप्रैल का चंद्रग्रहण राजनीतिक और अभिनेताओं के लिए शुभ नहीं
शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को शाम को 7.15 बजे चंद्रग्रहण समाप्त होगा। सूतक लगने के साथ हनुमान मंदिरों में पट बंद कर दिए जाएंगे। दोष से बचने को करें पूजा-अर्चना- हनुमान जयंती के दिन पडऩे वाला खग्रास चंद्रग्रहण दोषप्रद होता है इसके अलावा वर्तमान फसल व आगामी शीतकालीन फसल के लिए चंद्रग्रहण दोषप्रद है। इससे बचने के लिए लोगों को स्नान, दान, जप, स्तुति पाठ, मंत्र जाप, शाबर मंत्र सिद्धि, आराधना, इस्टसिद्धि व हवन आदि करना चाहिए। इस दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व होगा।
4 अप्रैल 2015 को पूर्ण चंद्र ग्रहण का विवरण एवं राशियों पर प्रभाव
इससे पहले 25 अप्रैल 2013 में अल्प खंडग्रास चंद्र ग्रहण, 15 अप्रैल 1995 को ग्रस्तोदय चंद्र ग्रहण और 2 अप्रैल 1996 को खंडग्रास चंद्र ग्रहण हनुमान जयंती पर आए थे। शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को चंद्र ग्रहण भारत सहित अन्य देशों में भी दिखाई देगा। इस दिन जातक को विशेष रूप से शनि की ढैया व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान उपासना करनी चाहिए।
4 अप्रैल 2015 को चंद्र ग्रहण भारत सहित अन्य देशों में भी दिखाई देगा
मंगल दोष निवारण के लिए भी हनुमत उपासना श्रेष्ठ सिद्ध होगी। अल्प खंडग्रास चंद्र ग्रहण कन्या राशि में हस्त नक्षत्र में होगा। ग्रहण 3.45 बजे शुरू तथा 7.15 पर समाप्त होगा। इसलिए पर्वकाल 3 घंटे 33 मिनट तथा सूतक 9 घंटे का होगा।
शनिवार, 4 अप्रैल 2015 को हनुमान जयंती है और शनिवार को ही चंद्र ग्रहण भी रहेगा। ये ग्रहण 3 घंटे 36 मिनट का रहेगा। इस दिन ...
Posted by भृगु ज्योतिष अनुसन्धान केन्द्र on Wednesday, April 1, 2015