Must Read: रसोई घर के लिये 10 वास्तु टिप्स
पं. अनुज के शुक्ल
जीवन में ऊंचाईयां छूने के लिए शरीर का स्वस्थ्य होना जरूरी है और शरीर स्वस्थ्य तभी होगा जब उसे पौष्टिक भोजन मिलेगा। भोजन स्वादिष्ट, स्वच्छ और स्वास्थ्य के लिए हितकर बने, इसके लिए भवन में रसाई घर का वास्तु के अनुसार बना होना अति-आवश्यक है।
रसोई घर को जितनी अधिक सकारात्मक उर्जा मिलेगी उतना ही हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आइये जानते है कि रसाई घर में कौन सी वस्तु कहां पर रखनी चाहिए जिससे हमें सकारात्मक उर्जा का अधिक से अधिक लाभ मिल सकें।
सर्वप्रथम भवन में रसोई घर (पूर्व-दक्षिण) आग्नेय कोण में होना चाहिए। क्योंकि आमतौर पर भारत में भोजन बनाने का समय सुबह 9 से 10 बजे के मध्य होता है। इस समय सूर्य की अधिकतम उर्जा आग्नेय कोण में ही पड़ती है।
रसोई घर से जुड़ी वास्तु टिप्स
गैस चूल्हा और सिंक के बीच दूरी होनी चाहिए या फिर बीच में छोटी लकड़ी या अन्य किसी चीज की दीवार बना दें। क्योंकि इन दोनों के पास में होने से घर के नौकर ज्यादा दिन टिक नहीं पाते है।
भोजन को करने से पूर्व अपने इष्ट देव को भोग अवश्य लगायें तथा एक रोटी गाय के लिए भी निकालें। ऐसा करने से कभी भी आपके घर में दरिद्रता नहीं आयेगी और बच्चे, जवान व वृद्ध सभी स्वस्थ्य रहेंगे।
आगे की टिप्स तस्वीरों के साथ स्लाइडर में-
भारी बर्तन दक्षिण की ओर
रसोई घर में भारी बर्तन, सिल, मिक्सी, आदि वस्तुएं दक्षिणी दीवार की ओर रखें।
पूर्व या पूर्व-उत्तर में पानी का कंटेनर
रसोई घर में पीने का पानी, एक्वागार्ड, फिल्टर आदि पूर्व या पूर्व-उत्तर कोने में रखें।
पूर्व या उत्तर की ओर मुख
भोजन बनाने वाली ग्रहणी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
चूल्हा पूरब में, सिलेंडर दक्षिण में
रसोई घर में गैस चूल्हे को पूर्व दिशा में रखें और सिलेंडर को दक्षिण दिशा में रखना चाहिए।
माइक्रोवेव, ओवन दक्षिण में
रसोई घर में माइक्रोवेव, ओवेन, मिक्सर ग्राइंडर आदि वस्तुयें दक्षिण दिशा में रखनी चाहिए।
फ्रीज दक्षिण या पश्चिम दिशा में
वैसे तो रसोई घर में रेफ्रिजरेटर रखना उचित नहीं होता है किन्तु यदि रखना आवश्यक हो तो इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा में ही रखें।
जूठे बर्तन ज्यादा देर तक न छोड़ें
रसोई घर को बहुत पाक-साफ रखना चाहिए। जूठे बर्तनों को बहुत देर तक रसोई घर में नहीं रखना चाहिए इससे नकारात्मक उर्जा का वास होता है।
बिना स्नान किये मत जायें
बिना स्नान किये भोजन बनाने से भोजन अपवित्र हो जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद नहीं रहता है। इसलिए भोजन को स्नान व ध्यान करके खुशी मन से बनाना चाहिए।