आपकी राशि बतायेगी क्या करें नाग पंचमी के दिन
[पं. अनुज के शुक्ल] श्रावण कृष्ण पंचमी को नाग पंचमी कहते है। पंचमी को नाग का पूजन किया जाता है। पहले दिन भोजन बनाकर पंचमी के दिन बासी भोजन किया जाता है और चना भिगो दिया जाते है। काष्ठ का पटटा बिछाकर उस पर एक रस्सी में सात गांठ लगाकर उसे सर्प के प्रतीक रूप बनाकर व काला करके रखकर उस पर कच्चा दूध, घी, शक्कर मिलाकर चढ़ावें तथा भीगे चनें से से पूजन करे और कुछ मीठा मिला हुआ दूध सर्प की बॉबी में डाल दें।
तत्पश्चात सासु जी या अन्य अपने बड़ी महिलाओं से आशीर्वाद प्राप्त करें। साप की बाबी से लाई हुयी मिट्टी में चनें या गेंहूं के दानें बायें। ऐसा करने से घर धन-धान्य से भरा रहता है। उत्तर भारत में कहीं कहीं नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध पिलाने की परम्परा है। इस दिन घर के मुख्यद्वार पर मिट्टी की प्याली में दूध व चना डालकर रखा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर सर्पदंश जैसी विपत्तियों से छुटकारा मिलता है और मनोकामना भी पूर्ण होती है। नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर विपत्तियों से छुटकारा मिलता है।
राहु को अनुकूल करने के उपाय
यहां हम आपको बताने जा रहे हैं नाग पंचमी पर राहु को अनुकूल करने के उपाय वो भी आपकी राशि के अनुसार।
मेष
मेष- राहु की शान्ति के लिए श्रावण मास में रूद्राष्टाधायी का पाठ करें।
वृष
बहते हुये पानी में तांबे का एक टुकड़ा प्रतिदिन बहायें इसे लगातार 40 दिन तक करना होगा।
मिथुन
कुष्ठ रोगी को नियमित 40 दिन तक मूली दान करें।
कर्क
8 शनिवार तक नियमित बहते हुये पानी में शीशा या नारियल प्रवाहित करें।
सिंह
एक नारियल व 11 साबुत बादाम एक लाल कपड़े में बांधकर शनिवार को मिट्टी में दबायें।
कन्या
हर बुधवार को 10 ग्राम धनिया किसी गरीब को दान करें।
तुला
रात को सोते वक्त सिरहाने थोड़े जौ रखें सुबह पक्षिंयों को खिलायें।
वृश्चिक
गणेश जी की स्तुति करें एंव घर में पीले रंग के फूल लगायें।
धनु
हर मंगलवार एंव शनिवार को चींटियों आटा व मीठा खिलायें।
मकर
हर शनिवार को तिल और जौ दान करें।
कुम्भ
100 ग्राम कोयला बहते जल में प्रवाहित करें।
मीन
अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में पहने एंव भोजन रसोई घर में ही करें।