कांग्रेस की कुंडली और सोनिया-मनमोहन का भविष्य
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में यूपीए सरकार की महात्मा गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस को भंग कर दो, कब भंग होगी यह सरकार, अब हम ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। उधर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां अब उसके खुद के लिये काल बनती जा रही हैं। मुलायम ने तो यहां तक कह दिया कि यूपीए सरकार अक्टूबर तक दम तोड़ देगी।
इस लेख को आगे पढ़ने के बाद आपके मन में आयेगा कि लगता है मुलायम ने कांग्रेस की कुंडली पहले ही निकलवा ली है। खैर मुलायम ने कुछ भी किया हो, हमने जरूर कांग्रेस की कुंडली का अध्ययन किया है। प्रसिद्ध कैलेंडर ठाकुर प्रसाद पंचांग में कानपुर के पं. सुशील कुमार त्रिपाठी ने कांग्रेस की कुंडली विचारी और संकेत दिये हैं कि अगस्त या सितंबर में यूपीए सरकार भंग हो जायेगी।
कुंडली पर एक नजर
वर्तमान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन 22 जनवरी 1987 को दिल्ली में मीन लग्न में हुआ था। वर्तमान में 16 सितंबर 2001 से गुरु की महादशा चल रही है, जो 4 नवंबर 2011 से गुरु में शनि का अंतर 16 मई 2014 तक चलेगा। इसी दौरान 3 मार्च 2013 तक शुक्र का प्रत्यंतर चलेगा। योगिनी के अनुसार 2 मई 2011 से संकटा योगिनी प्रारंभ हो रहा है। 16 मार्च 2013 तक संकटना योगिनी में संकट की अंतर्दशा चलेगी।
3 मार्च 2013 से 18 अप्रैल 2013 तक सूर्य का प्रत्यंतर 4 जुलाई 2013 तक चंद्र का प्रत्यंतर, 27 अगस्त 2013 तक मंगल का प्रत्यंतर और 14 जनवरी 2014 तक राहु का प्रत्यंतर चलेगा। मार्च 2013 तक पार्टी विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करेगी, 3 मार्च 2013 से पार्टी पुन: मजबूत स्थिति में उभरेगी और संगठनात्मक रूप से मजबूत होगी।
अगर कुंडली के इस तथ्य को देखें तो जनवरी में राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में अलग ही रूप दिखाई दे रहा है। संगठनात्मक रूप से पार्टी मजबूत भी हुई है, जिसका असर कर्नाटक विधानसभा में दिखाई दे सकता है। अगर ओपीनियन पोल की मानें तो कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी सरकार बना सकती है। जोकि भारतीय जनता पार्टी के लिये अभी से खतरे की घंटी है।
बात अगर लोकसभ चुनाव 2014 की करें तो कुंडली कह रही है कि 27 अगस्त से राहु का प्रत्यंतर स्वार्थी तत्व व विरोधियों द्वारा अनेक प्रकार के विवाद व समस्याएं आगे लायी जायेंगी। सिद्धांतों में टकराव होगा और सितंबर तक पार्टी लोकसभा भंग करने का निर्णय ले सकती है। लिहाजा आपको 2014 तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लोकसभा चुनाव नवंबर या दिसंबर 2013 में ही हो जायेंगे।