भवन में ब्रहम स्थान अथवा आंगन का महत्व
भवन निर्माण करने से पूर्व सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि घर का आंगन कहां और कैसा रखा जाये, जिससे हमें पूरे घर में सकारात्मक उर्जा प्राप्त हो सके। भवन में ब्रहम स्थान अथवा आॅगन का होना शुभ माना जाता है क्योंकि जिससे हमें सूर्य का प्रकाश एंव हवा अधिक से अधिक मात्रा में मिल जाती है।
आंगन का प्रयोजना घर को हवादार एंव प्रकाश युक्त बनाना होता है। प्राचीन काल में घर बिना आंगन बनाना अशुभ माना जाता था। वर्तमान समय में जगह की कमी के कारण घर का मध्य स्थान जिसे आंगन कहा जाता है। उसे नजरअंदाज कर दिया गया है। घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं।
इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरेलू कार्यो में ही अपना पूरा समय व्यतीत करती है, उन्हे इस प्रकार के रोग होने की ज्यादा आशंका रहती है चूंकि उन्हे भरपूर मात्रा में सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है। इसलिए भवन में आंगन होना अतिआवश्यक है।
घर का आंगन मध्य में ऊंचा और चारों ओर नीचा हो तो शुभ माना जाता है। लेकिन मध्य में नीचा और चारों ओर ऊंचा हो तो, ऐसा आंगन धननाशक एंव परिवार में कलह उत्पन्न करता है।