जीवन में सुख-शांति लाता है औषधि स्नान
प्रत्येक ग्रह का सम्बन्ध कुछ विशेष औषधियों से होता है और जब कोई ग्रह निर्बल होकर अशुभ फल देने लगे तो उक्त जातक को उस ग्रह से सम्बन्धित औषधियों के मिश्रण से स्नान करना लाभकर साबित होता है। इसी प्रकार प्राचीन काल में हमारे ऋषि-मुनियों ने ग्रहों की पीड़ा को शान्ति करने के लिए जातक को औषधि स्नान कराते थे।
इससे वह मनुष्य ग्रहो के दुष्प्रभाव से बच कर स्वस्थ्य एंव सुखी जीवन गुजारता था। इस औषधि स्नान में विभिन्न प्रकार की बूटियों को अपने स्नान के जल में मिलाकर स्नान करने विधान है। इसके लिए बतायी गयी जड़ी बूटियों को बाजार से प्राप्त करके इसे हल्का से कूट ले औरं एक मिटटी के पात्र में डालकर इसमें जल भर दें।
अब प्रतिदिन इसमें से कुछ जल निकाल कर छान लें तत्पश्चात इस जल को अपने स्नान जल में मिला कर स्नान करे। औषधि वाले पात्र में उतना जल तुरन्त डाल दें जितना आप निकाले हैं। इस प्रकार बनाये गये औषधि जल को आप चालीस दिन तक प्रयोग में ला सकते हैं।
इसके पश्चात पात्र को खाली करके पुनः जड़ी बूटियों का मिश्रण कर जल तैयार कर लें। आप समस्या से मुक्त होने तक औषधि स्नान करते हैं तो लाभ अवश्य मिलेगा। यदि कोई भी मनुष्य उचित मार्गदर्शन में औषधि स्नान को पूर्ण आस्था एंव विश्वास के साथ करता है, तो मुझे पूर्ण रूप से विश्वास है कि उस व्यक्ति को लाभ अवश्य मिलेगा।