मौनी अमावस्या यानी आस्था का पर्व
वैसे तो अमावस्या प्रत्येक मास में पड़ती है, परन्तु माघ मास की अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ब्रहमा जी ने इसी दिन मनु और सतरूपा को उत्पन्न कर सृष्टि का निर्माण कार्य आरम्भ किया था।
मन की पांच वृत्तियां होती है- 1- प्रमाण, 2- विपर्यय- यहां जो नहीं है, उसको सच मानना। 3- विकल्प- परिस्थितियों का विकल्प गढ़ना कल्पना है। 4- निद्रा- संसार और इन्द्रियों का सम्बन्ध विच्छेद निद्रा है। 5- स्मृति- स्मृति हो चुकी घटनाओं का मस्तिष्क द्वारा संग्रहीत विवरण है, वर्तमान में स्मृति का कोई यर्थाथ नहीं होता है। मन अपनी चंचलता में इन्हीं पांच वृत्तियों में भ्रमण करता है। मन की चंचलता दुःख को स्रोत है। मन की चंचलता पर मौन रहकर ही विराम लगाया जा सकता है। मानसिक उर्जा को प्राप्त करने के लिए हमारे ऋषि, मुनि मौन व्रत का संकल्प रखते थे।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या, मौनी अमावस्या के नाम से प्रसिद्ध है। इस पवित्र तिथि को मौन या चुपकर रहकर अथवा मुनियों के समान आचरण पूर्वक स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। इसी कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन सोमवार का योग होने से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। अमावस्या इस मास का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। पुराणों में मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी स्नान की जो महिमा वर्णित की गई है, वह स्वर्ग एंव मोक्ष को देने वाली है। स्नान के साथ ही पुराणों में त्रिवेणी तट पर दान की अपार महिमा वर्णित है।
त्रिवेणी
माघवं
सोमं
भरद्वाजंच
वासुकिमः।
वन्देक्षयवटं
शेषं
प्रयागं
तीर्थनायकम।।
प्रयाग
तीर्थो
का
राजा
है,
यहां
गंगा,
यमुना
एंव
अदृश्य
सरस्वती
का
संगम
स्थान
पवित्र
त्रिवेणी,
वेणीमाधव,
सोमनाथ,
भरद्वाज
मुनि
का
आश्रम,
वासुकि
नाथ,
अक्षयवट
एंव
शेषनाथ-
ये
सभी
पवित्र
स्थान
है।
मौनी
अमावस्या
को
स्नान
करके
अपने
नित्यकर्म
से
निवृत्त
होने
के
बाद
तिल,
तिल
के
लड्डू,
तिल
का
तेल,
आंवला
और
वस्त्र
आदि
का
दान
करना
चाहिए।
आज
के
दिन
आप
एक
दिन,
एक
सप्ताह,
एक
महीना
तथा
एक
वर्ष
का
मौन
व्रत
रखकर
आप
शररीरिक,
वाचिक
व
मानसकि
कष्टों
से
मुक्ति
पा
सकते
है।
विशेष-
1-
जिन
जातकों
का
बुघ
ग्रह
पीडि़त
या
अशुभ
फल
दे
रहा
है,
वह
लोग
मौनी
अमावस्या
के
दिन
मौन
व्रत
रहकर
तुलसी
के
पेड़
का
पूजन
करें
तथा
प्रातःकाल
तुलसी
पत्तियों
का
सेवन
करें।
इसी
दिन
किन्नरों
को
हरी
चूडि़यां
व
हरे
रंग
की
साड़ी
का
दान
करने
से
बुध
ग्रह
शुभ
फल
देने
लगता
है।
2-
जिन
लोगों
का
चन्द्र
ग्रह
अशुभ
फल
दे
रहा
है,
वह
लोग
मौनी
अमावस्या
के
दिन
मौन
व्रत
रहें
तथा
खीर
से
भोलेनाथ
का
भोग
लगाकर
गरीबों
में
वितरण
करें।