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बजरंगबली का प्रतीक है चौदह मुखी रुद्राक्ष

By Anuj
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Rudraksh
यह रूद्राक्ष साक्षात पंचमुखी हनुमान का प्रतीक माना जाता है। इसमें एक अद्भुत सकारात्मक उर्जा समाहित होती है। चैदहमुखी रूद्राक्ष को धारण करने से विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्त होकर आनन्दमय जीवन गुजारा जा सकता है।

1- चैदहमुखी रूद्राक्ष को गले या भुजा में पहने से धार्मिक कार्यो में मन लगता है जिससे मन आत्म-विश्वास से लबरेज रहता है।
2- इस रूद्राक्ष को पहने से तमाम प्रकार के कष्टों एंव दुःखों से निजात मिलती है।
3- मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और सामाजिक सभी प्रकार की पीड़ाओं को दूर करने में मददगार साबित होता है।
4- उत्तम स्वास्थ्य एंव निरोगी काया के लिए चैदहमुखी रूद्राक्ष सर्वथा कल्याणकारी प्रतीत होता है।
5- जिस परिवार में अकालमृत्यु होने की परम्परा चली आ रही है, उन लोगों को अपने घर में चैदहमुखी रूद्राक्ष का नियमित पूजन व अर्चन करने से सकारात्मक परिणाम सामने आते है।
6- जिन जातकों को आर्थिक समस्या बनी रहती है, उन लोगों के लिए चैदहमुखी रूद्राक्ष धारण करना विशेष लाभप्रद रहता है।
7- जो व्यक्ति अधिक पढ़ते-लिखते है, उन्हे यह रूद्राक्ष धारण करना चाहिए जिससे उनकी मानसिक उर्जा में वृद्धि होती है।

धारण विधि

किसी भी मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से पूर्णिमा तक यह पूजन करना चाहिए। विल्बपत्र पर स्थित चैदहमुखी रूद्राक्ष को ताम्रपाद पर स्थापित कर विल्बपत्र से गंगाजल को रूद्राक्ष पर छिड़कना चाहिए तत्पश्चात निम्न मन्त्र- "परमेश्वर सर्वेश सर्वज्ञ करूणानिधे। मां पाहि कृपया दीनं भक्तत्राणार्थ विग्रह" से ध्यान करे। इसके पश्चात निम्न मन्त्र- "ऊँ हं पवनन्दनाय स्वाहा" से 108 बार हवन करें। तत्पश्चात हवन-अग्नि की 14 बार परिक्रमा गले या दाहिनी भुजा में धारण करना चाहिए।

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English summary
Lucknow astrologer Pandit Anuj K Shukla is telling about 14 Mukhi Rudraksh and its benefit. This rudraksh actually full of lord Hanuman's wishes.
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