क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Lunar Eclipse 2020: 10-11 जनवरी को है उपच्छाया चंद्र ग्रहण, न ग्रहण दोष लगेगा और ना सूतक

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। पौष पूर्णिमा, 10-11 जनवरी 2020 की मध्यरात्रि में होने वाले चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव किसी भी मनुष्य और प्रकृति पर नहीं होगा और ना ही इससे किसी प्रकार का दोष लगेगा। यह मात्र उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, जिससे भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है। इन दिनों इंटरनेट पर तमाम वेबसाइट और सोशल साइट्स पर भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस चंद्र ग्रहण से भयानक दोष लगेगा और गर्भवती स्त्रियों को बचकर रहना है, ये करें, ये ना करें, जैसी बातों से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। यह मात्र उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जो दिखाई नहीं देगा और ना इसका कोई सूतक लगेगा और ना ही इसकी कोई धार्मिक मान्यता है।

क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण

क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण

हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण को एक प्रमुख घटना माना जाता है, जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि जो चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से स्पष्ट दिखाई ना दे तो उस ग्रहण का कोई धार्मिक महत्व नहीं होता है। मात्र उपच्छाया वाले चंद्र ग्रहण नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए हिंदू पंचांगों में भी ऐसे चंद्र ग्रहणों का वर्णन नहीं किया जाता है और ग्रहण से संबंधित कोई कर्मकांड भी नहीं किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले ग्रहण, जो कि नग्न आंखों से दिखाई देते हैं, धार्मिक कर्मकांडों के लिए मान्य किए जाते हैं। सभी परंपरागत पंचांग केवल प्रच्छाया वाले ग्रहण को ही सम्मिलित करते हैं। पौष पूर्णिमा पर लग रहा चंद्रग्रहण भी मात्र उपच्छाया चंद्रग्रहण है इसलिए इसका कोई महत्व नहीं है। इसके सूतक का पालन करने की भी आवश्यकता नहीं है।

ग्रहण से संबंधित कर्मकांड की आवश्यकता नहीं

ग्रहण के संबंध में यह भी सर्वविदित है कि यदि ग्रहण आपके शहर में दिखाई नहीं दे, लेकिन दूसरे देशों अथवा शहरों में दिखाई दे तो भी ग्रहण से संबंधित कर्मकांड की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यदि मौसम की वजह से ग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में ग्रहण के सूतक आदि का विचार किया जाता है।

यह पढ़े: Solar and Lunar Eclipse 2020: नए साल में आएंगे 4 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण, जानिए पूरी लिस्टयह पढ़े: Solar and Lunar Eclipse 2020: नए साल में आएंगे 4 चंद्रग्रहण और 2 सूर्यग्रहण, जानिए पूरी लिस्ट

चंद्रग्रहण के बारे में जानिए खास बातें

चंद्रग्रहण के बारे में जानिए खास बातें

  • यह प्रच्छाया चंद्रग्रहण नहीं है।
  • यह मात्र उपच्छाया चंद्रग्रहण है, जो दिखाई नहीं देगा।
  • उपच्छाया से पहला स्पर्श- 10 जनवरी को रात्रि 10.39 बजे
  • परमग्रास चंद्रग्रहण- रात्रि 12.39 बजे
  • उपच्छाया से अंतिम स्पर्श- रात्रि 2.40 बजे
  • उपच्छाया की कुल अवधि- 4 घंटे 01 मिनट 47 सेकंड
  • ग्रहण का सूतक मान्य नहीं।
  • धार्मिक कर्मकांड मान्य नहीं।
उपच्छाया चंद्रग्रहण की वैज्ञानिक व्याख्या

उपच्छाया चंद्रग्रहण की वैज्ञानिक व्याख्या

आमतौर पर ग्रहण के दौरान पृथ्वी की परछाई तीन शंकु बनाती है। परछाई के एक शंकु को प्रच्छाया (अम्ब्रा) , दूसरे को खंड छाया या उपच्छाया (पेनम्ब्रा) और तीसरे को आंशिक रूप से छायांकित क्षेत्र (एंटम्ब्रा) कहते हैंछ प्रच्छाया सबसे गहरा और अंधेरा वाला हिस्सा होता है और ये स्थिति पूर्णग्रहण कहलाती है। उपच्छाया वह क्षेत्र है जिसमें प्रकाश स्रोत का केवल एक भाग ही अवरुद्ध होता है। ये स्थिति अंशग्रहण कहलाती हैं। एंटम्ब्रा छाया का हल्का क्षेत्र होता है, जो प्रच्छाया से परे दिखाई देता है।

यह पढ़ें: Nastredamus Predictions for Year 2020: नास्त्रेदमस ने साल 2020 को लेकर की ये चौंकाने वाली भविष्यवाणियांयह पढ़ें: Nastredamus Predictions for Year 2020: नास्त्रेदमस ने साल 2020 को लेकर की ये चौंकाने वाली भविष्यवाणियां

Comments
English summary
A penumbral lunar eclipse will take place on 10 January 2020. It will be the first of four penumbral lunar eclipses in 2020.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X