जानिए अष्टमी और नवमीं क्यों हैं हर लिहाज से महत्वपूर्ण?
आज व्रती लोग अष्टमी और नवमीं का त्योहार मना रहे हैं। मां दुर्गा को पूजने वालों की नजर में तो आज का पर्व काफी महत्वपूर्ण है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज का दिन वैज्ञानिक लिहाज से भी काफी खास है।
नवरात्र विशेष: अष्टमी और नवमी दोनों आज जानिए कैसे?
पहले बात अष्टमी यानी नंबर 8 की
-
नंबर
8
भगवान
विष्णु
का
प्रिय
नंबर
है।
-
भगवान
विष्णु
8
शक्तियों
का
पर्याय
है।
-
विष्णु
के
अवतार
भगवान
कृष्ण
हैं
और
वो
मां
देवकी
के
आठवें
पुत्र
हैं।
-
कृष्ण
भगवान
हमेशा
चारों
ओर
आठ
गोपियों
से
घिरे
रहते
हैं।
-
नंबर
8
भगवान
शिव
का
भी
प्रिय
नंबर
है
क्योंकि
वो
शिव
आठ
सिद्धियों
के
मालिक
हैं।
- यही नहीं नंबर आठ भगवान गणेश जी को काफी भाता है क्योंकि उनके पास आठ पत्नियां हैं जिन्हें अष्ट सिद्धि कहते हैं।
अष्टमी और नवमीं के इस महान नंबरों के महत्व की और बातें करेंगे नीचे की स्लाइडों में..
हर चीज काफी बैलेंस
आठवां नंबर 15 दिन-रात वाले के हिसाब से मध्य में आता है जहां हर चीज काफी बैलेंस में होती है।
8 माताओं की शक्ति का सूचक
अष्टामात्रक्स 8 माताओं की शक्ति का सूचक है,यह जहां होते हैं वहां कभी कुछ गलत नहीं हो सकता है।
ज्ञान के संरक्षक
64 योनियों प्रजनन और सुरक्षात्मक देवताओं, रहस्यमय ज्ञान के संरक्षक हैं। जो कि आठ का आठ से गुणा करने पर प्राप्त होता है।
अष्टलक्ष्मी की पूजा
लोग अष्टलक्ष्मी की ही पूजा करते हैं ताकि धन-संपदा हमेशा बनी रहे।
अब बात नवमीं की यानी कि 9 नंबर की..
नंबर 9 पूर्णता / पूर्णता का प्रतिनिधित्व करता है।
नौ ग्रहों की पूजा
नवरात्र की पूजा बिना नौ ग्रहों के बिना नहीं होती है।
मां के नौ रूप
मां के नौ रूप हैं जो कि आदि और अलौकिक शक्ति का पर्याय है।
9 महीने बाद बच्चे का जन्म
9 महीने के गर्भ से ही स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है।
जैविक और धार्मिक महत्व
इसलिए नंवमी का जैविक और धार्मिक महत्व है जो पूर्णता का पूरक है, नंबर 9 वाले हर चीज में माहिर होते हैं इसलिए जिनका जन्मदिन के मूलांक 9 होता है वो काफी सौभाग्यशाली माने जाते हैं।
आखिर क्या है नवरात्रि और अखंड दीपक का संबंध
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