तो ये है कर्नाटक औैर प्रभु हनुमान का रिश्ता इसलिए हर रैली में होता है बजरंग बली का जिक्र
मैसूर। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है, 12 मई को यहां वोट डाले जाएंगे तो वहीं 15 मई को चुनावी नतीजे सामने आएंगे, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने चुनावी रैलियों में पूरी ताकत झोंक दी हैं तो वहीं इस वक्त दोनों ही पार्टी की ओर से भगवान हनुमान का राग बार-बार और हर रैली में अलापा जा रहा है। जहां राहुल गांधी मठ और मंदिर के दर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, और अपनी हर रैली में कहते फिर रहे हैं कि प्रभु श्री हनुमान की धरती पर इस बार जरूर कमल खिलेगा।
चलिए इसी बात पर जानते हैं कि आखिर कर्नाटक और हनुमान का रिश्ता क्या है?
कर्नाटक के कोप्पल में हनुमान का जन्म
दरअसल ऐसा माना जाता है कि कर्नाटक के कोप्पल में प्रभु श्री राम के परमप्रिय सेवक हनुमान जी का जन्म हुआ था। हालांकि शास्त्रों में हनुमान जी के जन्म को लेकर अलग-अलग तर्क हैं लेकिन फिर भी कई जगह कर्नाटक की धरती को ही बजरंग बली की जन्मस्थली बताया गया है।
कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी में अंजनी पर्वत है
आपको बता दें कि कर्नाटक के कोप्पल और बेल्लारी में एक जगह है जहां पर अंजनी पर्वत है, इसी जगह को किष्किन्धा भी बोला जाता है। यह अंजनी पर्वत इसीलिए कहलाता है क्योंकि इसी पर्वत पर मां अंजनी ने हनुमान जी के लिए तपस्या की थी। इसलिए इस जगह को प्रभु हनुमान के जन्म से जोड़ा जाता है।
संकट कटे मिटे सब पीरा , जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
रामायण के अनुसार, हनुमान जी वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष हैं। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। हनुमान जी को संकट मोचक कहा जाता है, अगर आप किसी भी तरह की समस्या से ग्रस्त हैं तो बस प्रभु हनुमान का ध्यान कीजिए, यकीन मानिए आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।
अमरत्व का वरदान
बाल्मिकी की रामायण के अनुसार इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं।