Religion: मंगल को जन्मे मंगल ही करते...पवनपुत्र हनुमान..
नई दिल्ली। मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित है, भगवान राम के प्रिय और रूद्र अवतार हनुमान के पराक्रम का लोहा तो स्वंय सृष्टि के रचयिता भी मानते हैं । रामायण के अनुसार, हनुमान जी वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष हैं। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। वह मस्तक पर स्वर्ण मुकुट धारण किए हुए हैं तो वहीं उनका मुख्य अस्त्र गदा माना जाता है। बाल्मिकी की रामायण के अनुसार इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं।
हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले
ऐसा अनुमान है कि हनुमान जी का जन्म 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गांव की एक गुफा में हुआ था।
बजरंगबली
इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह था। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संकट मोचक
हनुमान जी बहुत सरस हैं, वो संकट मोचक हैं, अगर आपको गुस्सा बहुत आता है या फिर आपको लगता है कि आपकी कड़ी मेहनत के बावजूद आपको सफलता नहीं मिल पा रही है तो आप आज से ही बजरंग बली की पूजा करनी शुरू कर दीजिए, आपकी सारी चिंताओं का निवारण शीध्र ही हो जाएगा।
कैसे करें पूजा?
हनुमान जी के लिए कुछ लोग मंगलवार का व्रत भी रखते हैं, अगर आप व्रत नहीं कर सकते हैं तो मंगलवार के दिन प्रात: उठकर नित्य कर्मों को निपटाने के बाद बजरंग बली का मन से ध्यान करें और उसके बाद ही भोजन का सेवन करें।
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