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आज है पूर्ण सूर्य ग्रहण, जानिए सूरज का सही 'अर्थ'

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नई दिल्ली। 21 अगस्त को साल 2017 का दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है, ये भारत में दिखाई तो नहीं देगा लेकिन इसका असर राशियों पर होगा और इसका सूतक भी भारत में लगेगा। नासा इस ग्रहण का लाइव टेलिकास्ट करेगा।

सोमवार को लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, जानिए शिव से संबंधसोमवार को लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, जानिए शिव से संबंध

सूर्य को हिंदू धर्म में देव का स्थान मिला है क्योंकि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है। सूर्य का अर्थ होता है 'सर्व प्रेरक' अर्थात 'सर्व कल्याणकारी'। यजुर्वेद ने सूर्य को भगवान का नेत्र माना गया है तो वहीं ब्रह्मवैर्वत पुराण में सूर्य को परमात्मा का रूप कहा गया है।

गुरु जीवन है तो सूर्य आत्मा

गुरु जीवन है तो सूर्य आत्मा

  • ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का दर्जा मिला है।
  • ग्रह बृहस्पति को सूर्य का परम मित्र माना गया है, गुरु जीवन है तो सूर्य आत्मा।
  • तो वहीं हिंदू धर्म की सारी चीजें सूर्य से ही निर्धारित होती हैं।
  • 13 लाख 90 हजार किलोमीटर

    13 लाख 90 हजार किलोमीटर

    • सूर्य धरती पर ऊर्जा का श्रोत है और सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा है। इसी तारे के चारों ओर पृथ्वी चक्कर लगाती है।
    • सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हजार किलोमीटर है।
    • सतह का निर्माण

      सतह का निर्माण

      सूर्य की बाहरी सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम,ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निशियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से होता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सूरज आकाश गंगा के केन्द्र की 251 किलोमीटर प्रति सेकेंड से परिक्रमा करता है। इस परिक्रमा में 25 करोड़ वर्ष लगते हैं इस कारण इसे 'एक निहारिका वर्ष' भी कहते हैं।

       G-टाइप मुख्य अनुक्रम तारा

      G-टाइप मुख्य अनुक्रम तारा

      सूर्य एक G-टाइप मुख्य अनुक्रम तारा है जो सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86% समाविष्ट करता है। करीब नब्बे लाखवें भाग के अनुमानित चपटेपन के साथ, यह करीब-करीब गोलाकार है,[13] इसका मतलब है कि इसका ध्रुवीय व्यास इसके भूमध्यरेखीय व्यास से केवल 10 किमी से अलग है।[14] जैसा कि सूर्य प्लाज्मा का बना हैं और ठोस नहीं है, यह अपने ध्रुवों पर की अपेक्षा अपनी भूमध्य रेखा पर ज्यादा तेजी से घूमता है

      भारत में सूर्योपासना का प्रचलन

      भारत में सूर्योपासना का प्रचलन

      वैदिक काल से ही भारत में सूर्योपासना का प्रचलन रहा है। पहले यह सूर्योपासना मंत्रों से होती थी। बाद में मूर्ति पूजा का प्रचलन हुआ तो यत्र तत्र सूर्य मन्दिरों का नैर्माण हुआ। भविष्य पुराण में ब्रह्मा विष्णु के मध्य एक संवाद में सूर्य पूजा एवं मन्दिर निर्माण का महत्व समझाया गया है।

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English summary
On Monday, August 21, 2017, a total solar eclipse will be visible in totality within a band across the entire contiguous United States; here is some Interesting Facts about Sun.
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