राम मंदिर: 'सिया के राम' के बारे में जरूर जानिए ये खास बातें...
भगवान राम के अस्तित्व को लेकर फादर कामिल बुल्के ने करीब 300 से ज्यादा तथ्यों को लोगों के सामने पेश किया जिससे पता चलता है कि राम थे और यहीं थे।
नई दिल्ली। भगवान राम केवल चरित्र नहीं बल्कि एक आदर्श व्यक्तित्व है इसलिए अलग-अलग पुराणों और ग्रंथों में उन्हें लेकर काफी कुछ लिखा गया है। हर किताब उनके बारे में एक अलग कहानी कहती है।
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विष्णु ने राम के अवतार लिया था
रामनवमी, भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में सम्पूर्ण भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि असुरों के राजा रावण का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेता युग में राम के रूप में विष्णु का सातवां अवतार लिया था।
फादर कामिल बुल्के
भगवान राम के अस्तित्व को लेकर फादर कामिल बुल्के ने करीब 300 से ज्यादा तथ्यों को लोगों के सामने पेश किया जिससे पता चलता है कि राम थे और यहीं थे।
मां कौशल्या के गर्भ से प्रभु का जन्म
वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, राम का जन्म चैत्र मास की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में अयोध्या के राजा दशरथ की पहली पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ था। तब से यह दिन समस्त भारत में रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
वाल्मीकि रामायण के मुताबिक
- मां सीता और भगवान राम की शादी के वक्त सीता की उम्र 6 साल थी।
- मां सीता शादी के बाद 12 साल तक भगवान राम के साथ अयोध्या में रहीं।
- वनवास के वक्त मां सीता की उम्र 18 साल थी।
तुलसीदास के रामचरित मानस में उल्लेख नहीं
रामचरित मानस में सीता स्वयंवर का उल्लेख है लेकिन वाल्मीकि रामायण में नहीं। वाल्मीकि ने लिखा है कि राम गुरू विश्वामित्र के साथ जनकपुरी गये थे जहां बातों-बातों में उन्होंने शिवजी का धनुष तोड़ दिया जिसके बाद जनक ने सीता का विवाह उनसे कर दिया था क्योंकि उन्होंने प्रण किया था कि वो उसी से सीता की शादी करेंगे जो धनुष तोड़ेगा, जबकि तुलसीदास ने लिखा है कि भगवान राम ने स्वंयवर में धनुष तोड़ा था।