कार्तिक पूर्णिमा-देव दीपावली और गुरू पर्व की देश में धूम, देखें तस्वीरें
वाराणसी। आज पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा-देवदीपावली और गुरू पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गुरुवार को वाराणसी, हरिद्वार सहित कई हिस्सों में हजारों श्रद्घालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। आज सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वालों का तांता लगा है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पिछले सारे पाप धुल जाते हैं और स्वास्थ्य अच्छा होता है तो वहीं आज नानक जयंति भी है। इसलिए ही गुरुनानक देव जी की जयंती के मौके पर श्रद्धालु अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के नाम से विख्यात 'हरमंदर साहिब' सहित पूरे हरियाणा और पंजाब के गुरुद्वारों में प्रार्थनाओं के लिए उमड़े। गुरुनानक की 548वीं जयंती की मौके पर गुरुद्वारे शुक्रवार से ही सज गए थे।
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नानक साहब का जन्मदिवस
नानक साहब का जन्मदिवस होने के कारण इस दिन को गुरु पर्व भी कहा जाता है। तो वहीं हिंदू धर्मग्रंथों में लिखा है कि कार्तिक पूर्णिमा को बैकुण्ठ धाम में देवी तुलसी का प्रकट हुई थीं और कार्तिक पूर्णिमा को ही देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया था।
गुरुनानक देव का जन्म 1469 में
इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। मालूम हो कि गुरुनानक देव का जन्म 1469 में पंजाब ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में) हुआ था। बाद में उन्होंने सिख संप्रदाय की स्थापना की थी। इस मौके पर पंजाब और हरियाणा के मुख्य सिख तीर्थो पर कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है।
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पीएम ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं हमें सदैव प्रेरित करती हैं। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, "गुरु नानकदेवजी की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें सदैव प्रेरित करती हैं। आइये, हम उनके द्वारा दिखाए गए करुणा, सत्य और शांति के मार्ग पर चलें।"
इस दिन देवतागण धरती पर आते हैं
तो वहीं आज देव-दिवाली भी मनाई जाती है। हर वर्ष दिवाली के ठीक 15 दिनों बाद माता गंगा की पूजा के लिए मनाई जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवतागण धरती पर आते हैं और उत्सव मनाते हैं।
भगवान शिव की नगरी काशी
इस पर्व का विशेष महत्व भारत देश के उत्तर प्रदेश के वाराणसी राज्य से है। वाराणसी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। इस दिन भोलेनाथ के सभी भक्त एक साथ माता गंगा के घाट पर लाखों दीए जला कर देव दीवाली का उत्सव मनाते हैं।