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इतिहास में पहली बार... पांच दिनों तक भक्तों को दर्शन नहीं देंगे तिरुपति बालाजी, जानिए क्यों?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। यदि आप अगस्त के महीने में तिरुपति बालाजी के दर्शन करने जाने का सोच रहे हैं तो एक बार ठहर जाएं। करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र आंध्रप्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब भगवान बालाजी पांच दिनों तक भक्तों को दर्शन नहीं देंगे। दरअसल एक विशेष अनुष्ठान के लिए मंदिर प्रशासन ने 12 अगस्त से 16 अगस्त तक मंदिर बंद रखने का निर्णय लिया है। इस विशेष धार्मिक अनुष्ठान का नाम है 'अस्ताबंधना बाललया महासंप्रोक्षणम"। यह एक धार्मिक रिवाज है जिसके तहत मंदिर के भीतर केवल पुजारियों को प्रवेश की अनुमति होती है और वे मंदिर में शुद्धिकरण, साफ-सफाई और भगवान की प्रतिमा और उनके आभूषणों की मरम्मत का काम करते हैं। इस दौरान पूजन के लिए वेदिका, होम गुंडम आदि का निर्माण्ा कार्य किया जाता है।

वैदिक अनुष्ठान प्रत्येक 12 वर्षों में किया जाता है

वैदिक अनुष्ठान प्रत्येक 12 वर्षों में किया जाता है

यह वैदिक अनुष्ठान वर्ष 1958 से प्रत्येक 12 वर्षों में किया जाता है, लेकिन हर बार सिर्फ कुछ ही घंटों के लिए भक्तों का प्रवेश रोका जाता था। यह पहली बार है जब पांच दिनों तक पूरी तरह भगवान तिरुपति बालाजी के दर्शन नहीं हो सकेंगे। मंदिर प्रशासन का कहना है कि पहले इतनी बड़ी संख्या में भक्त नहीं आते थे, इसलिए आसानी से सब मैनेज हो जाता था लेकिन अब प्रतिदिन एक लाख से अधिक भक्त आते हैं। ऐसे में अनुष्ठान संपन्न् करने में बाधा आती है। इसलिए 5 दिनों के लिए मंदिर बंद रहेगा।

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मंदिर बंद करने की यह है बड़ी वजह

मंदिर बंद करने की यह है बड़ी वजह

मंदिर बंद करने की दूसरी बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि महीने के दूसरे शनिवार, रविवार और स्वतंत्रता दिवस होने की वजह से मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। ऐसे में इस दौरान मंदिर में प्रतिबंधित दर्शन की व्यवस्था लागू करना असंभव होगा। जिस वजह से मंदिर प्रशासन ने पांच दिनों के लिए मंदिर को बंद करने का फैसला लिया है।

10 अगस्त से बंद हो जाएगा पहाड़ी पर प्रवेश

10 अगस्त से ही तिरुमाला पहाड़ी पर नए भक्तों को आने से रोक दिया जाएगा। इसके बाद परिसर में लगी भक्तों की कतार को साफ करने में एक पूरा दिन लग जाएगा। उस हिसाब से देखा जाए तो 11 अगस्त की रात तक पूरा तिरुमाला दर्शनार्थियों से खाली हो जाएगा। फिर 12 अगस्त से अनुष्ठान प्रारंभ होगा। इसी तरह 16 अगस्त को अनुष्ठान संपन्न् होने के बाद 17 अगस्त से दर्शन प्रारंभ हो जाएंगे।

150 से अधिक पंडितों की टीम करती है अनुष्ठान

150 से अधिक पंडितों की टीम करती है अनुष्ठान

इस विशेष अनुष्ठान के लिए एक प्रधान आचार्य नियुक्त किया जाता है। उनके अधीन 44 रित्विक और 100 से अधिक वैदिक ब्राह्मण, पंडित, वेद अध्यायी छात्र पूर्णत वैदिक रीति के अनुसार अनुष्ठान संपन्न् करते हैं।

क्या है महासंप्रोक्षणम
यह वैदिक अनुष्ठान मूलविराट यानी भगवान बालाजी और उनके परिवार की स्वस्थता और दीर्घायु की कामना के लिए प्रत्येक बारह वर्षों में किया जाता है। मान्यता है कि महासंप्रोक्षणम के दौरान भगवान ��ालाजी समेत उनके समस्त परिवार देवताओं की शक्तियां यज्ञशाला में रखे एक विशेष पात्र में समाहित हो जाती है। शक्तियों के इस स्थानांतरण को बिंबम से कुंभम में शक्ति स्थानांतरण कहा जाता है। मान्यता है कि अनुष्ठान पूरा होने के बाद भगवान की शक्तियां कई गुना बढ़ जाती हैं।

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English summary
The Tirumala Tirupati Devasthanam (TTD) will close the Tirupati Balaji temple for five days from August 12 to 16. The devotees will not get darshan of Tirupati Balaji on the eve of Astabandhana Balalaya Mahasamprokshanam- the vedic ritual
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