Navratri 2017: देवी जागरण से जुड़ी कुछ रोचक बातें
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है जिसके बाद अगले नौ दिनों तक मां के अलौकिक रूपों की भांति प्रकार से पूजा अर्चना की जायेगी। हर भक्त अपनी शक्ति के अनुसार मां के मोहक रूप की पूजा करेगा इसलिए इस नवरात्रि का जोर-शोर से इंतजार होता है। नवरात्रि का पर्व हो और माता का जागरण ना हो भला ऐसा संभव है... नहीं ना।
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मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए लोग नवरात्रि में मां का जागरण या जगराता रखते हैं। जिसके जरिये लोग मां को मोहक भजनों और सुरमय गीतों के जरिये अपने ऊपर कृपा दृष्टि बनाये रखने के लिए प्रार्थना करते हैं।
मां के जागरण में तीन लोगों की पूजा
- माता के जागरण में तीन लोगों की पूजा की जाती हैं और वो तीन लोग हैं मां सरस्वती, निद्रा देवी और हनुमान जी।
- मां सरस्वती: मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी हैं जो कि इंसान को शक्ति और ज्ञानी बनाती हैं इसलिए लोग ढोल-मंजिरों से उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
निद्रा देवी
कहते हैं ना हर परीक्षा बिना कठिनाई के पार नहीं होती है इसलिए भले ही मां सरस्वती से शक्ति पाने के लिए भक्तों को निद्रां देवी से लड़ना पड़ता है, निद्रा देवी भक्तों की साधना तोड़ने की कोशिश करती हैं और जो जातक निद्रा पर विजय पा लेता है उसे ही मां सरस्वती का आशीष मिलता है।
बजरंग बली
रूद्र अवतार बजरंग बली तो साये की तरह मां के साथ रहते हैं इसलिए कोई भी जागरण तब तक पूरा नहीं होता जब तक राम भक्त हनुमान की पूजा नहीं होती है। लोग तो हनुमान चालीसा से ही माता का जागरण शुरू करते हैं।
तारा रानी कथा
जागरण में रात भर भजन-कीर्तन के बाद भोर में सूर्योदय से ठीक पहले तारावती की कथा होती है... आप पूरी रात जागें, लेकिन अगर तारा रानी की कथा नहीं सुनी, तो आपकी प्रार्थना अधूरी मानी जाती है। तारावती कथा को ही तारा रानी की कथा भी कहते हैं।
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