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Kalashtami 2018: कालाष्टमी आज, जानिए इसकी पूजा विधि और महत्व

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। मनुष्य को सबसे ज्यादा भय अपनी मृत्यु से लगता है। इस डर को टालने के लिए या इससे बचने के लिए वह देवी-देवताओं की पूजा, यज्ञ, हवन, मंत्र जाप आदि करता है, लेकिन चूंकि मृत्यु अटल है इसे टाला नहीं जा सकता, जब उसका समय होगा उसे आना ही है, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में ऐसे अनेक दिनों का वर्णन मिलता है जिनमें यदि आप किसी विशेष देवी या देवता की पूजा करते हैं तो अकाल मृत्यु का कभी खतरा नहीं रहता। ऐसा ही एक सिद्ध दिन है कालाष्टमी।

आषाढ़ कृष्ण अष्टमी को कालाष्टमी कहते हैं

आषाढ़ कृष्ण अष्टमी को कालाष्टमी कहते हैं

आषाढ़ कृष्ण अष्टमी को कालाष्टमी के नाम से जाना जाता है। अष्टमी तिथि के देवता कालों के काल भगवान महाकाल हैं। यदि आप अकाल मृत्यु का भय दूर करना चाहते हैं। दुर्घटनाओं को टालना चाहते हैं और हमेशा सुरक्षित बने रहना चाहते हैं तो आपको इस दिन मृत्युंजय भगवान महाकाल की पूजा अभिषेक अवश्य करना चाहिए। कालाष्टमी के दिन महाकाल की पूजा करने से आयु और आरोग्यता प्राप्त होती है। धन, संपदा, सुख और वैभव में वृद्धि होती है और सदा भगवान महाकाल का सानिध्य प्राप्त होता है।

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आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सिद्ध उपायों के बारे में जिन्हें कालाष्टमी के दिन करके आप भी शिव के कृपा पात्र बन सकते हैं

भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें

भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें

  • यदि आपके साथ बार-बार वाहन दुर्घटनाएं हो रही है। अग्नि का भय बना हुआ है। चोरी से परेशान हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें। इससे दुर्घटनाओं का खतरा टलता है। कठिन से कठिन रोग भी दूर हो जाता है।
  • धन संपदा की प्राप्ति के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान शिव को सफेद साफा पहनाएं। सफेद मिठाई का भोग लगाएं। अतुलनीय धन संपदा प्राप्त होगी।
  • महामृत्युंजय मंत्र

    महामृत्युंजय मंत्र

    • कालाष्टमी के दिन शिव को 108 बिल्व पत्र, 21 धतूरे और भांग अर्पित करेंगे तो मुकदमों में जीत मिलेगी, शत्रु शांत होंगे।
    • कालाष्टमी के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की 7 माला जाप करने से सर्वत्र रक्षा होती है।
    • विशेष कामना की पूर्ति के लिए कीजिए व्रत

      विशेष कामना की पूर्ति के लिए कीजिए व्रत

      अपनी किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए कालाअष्टमी के दिन दृष्टिहीन बच्चों को दूध से बनी मिठाई या खीर खिलाएं, 21 दिन में आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी।

      भूत-प्रेत या किसी बुरी नजर का साया.....

      भूत-प्रेत या किसी बुरी नजर का साया.....

      • भूत-प्रेत या किसी बुरी नजर का साया आप पर या आपके परिवार पर है तो कालाष्टमी पर रात्रि के समय किसी शिव मंदिर से एक बेल पत्र ले आएं और इसे बारी-बारी से घर के सभी सदस्यों के सिर के ऊपर घड़ी की सुई की दिशा में सात बार घुमाते हुए किसी जल में प्रवाहित कर दें।
      • यदि आप अतुलनीय धन संपदा के मालिक बनना चाहते हैं या आपका स्वयं का भवन नहीं बन पा रहा है तो कालाष्टमी की रात्रि को किसी सुनसान जगह पर बने शिव मंदिर जाएं और वहां रात भर जले इतना तेल भरकर दीपक लगाकर आए।

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English summary
Kalabhairav Jayanti (Kalashtami) which can also be referred to as Kala Ashtami, is observed every month of the year, on the day of Ashtami Tithi of Krishna Paksha.
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