Religion:क्या काजल केवल एक श्रृंगार है या इसका मतलब कुछ और भी है?
नई दिल्ली। हर किसी की तमन्ना होती है कि कोई आकर उससे कहे... तेरी आंखों में डूब जाने का दिल करता है या फिर तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है.... इसलिए हर लड़की अपनी आंखों को सुंदर बनाने के लिए वो सारे जतन कर डालती है जो उसकी क्षमता में होते हैं। आंखों को सुंदर दिखाने का सबसे अच्छा तरीका आंखों में काजल लगाना है। बच्चे के जन्म से लेकर जवान होने तक लोग आंखों में काजल लगाने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचने की कोशिश की काजल है क्या, जिसका उपयोग लोग सदियों से करते आए हैं। आपको बता दें कि स्त्री की आंखो की उपमा मछली और हिरणी से दी जाती है या तो वह मीनाक्षी होती है या मृगनयनी। सृष्टि के ये दोनों जीव बेहद चंचल होते है। इनकी चंचलता को किसी की नजर लग जाये तो नजर का अभिशाप आंखो में होकर हृदय में उतर जाता है। काजल ऐसी अशुभ नजरों से बचाव करता है।
काजल लगाना हर स्त्री के लिए बेहद शुभ
इसलिए काजल लगाना हर स्त्री के लिए बेहद शुभ माना जाता है। जहां ये आपको बुरी नजर से बचाता है वहीं ये आपकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है। इसलिए सोलह श्रृंगार की लिस्ट में ये तीसरे नंबर पर है। अगर आप इस सच से अंजान थीं को अब से जान जाइए और आज से ही काजल को प्रमुखता से अपने श्रृंगार में शामिल कर लीजिए क्योंकि ये आपको हसीन तो बनाएगा ही साथ ही काली नजर से भी बचाएगा। काजल को हमारे धर्म में भी विशेष स्थान दिया गया है इसलिए बच्चे के जन्म पर काजल लगाने की परंपरा विशेष रूप से चली आ रही है।
Read Also:बर्थडे मंथ से जानिए कि वो कितनी हॉट और बोल्ड है?