काशी में उमड़ा भक्तों का सैलाब, लाखों की संख्या में काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे भक्त
बोल बम का जाप कर रहे ये भक्त आज अपने आराध्य भोले नाथ को जलाभिषेक करने आ रहे हैं। ये अवसर देवों के देव महादेव की शादी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
वाराणसी। काशी जहां विराजमान हैं देवों के देव महादेव, कहा जाता है कि इस नगरी को बाबा भोलेनाथ ने अपने त्रिशूल पर उठा रखा है। खुद ही भोलेनाथ माता पार्वती के साथ काशी विश्वनाथ मन्दिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए वास करते हैं। तभी तो आज श्रद्धालुओं का हुजूम अपने आराध्य का जलाभिषेक करने के लिए देश के कोने-कोने से भोले शंकर के द्वार पर पहुंच रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर का है जहां दर्शन करने के लिए शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
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शिवलिंग
पर
गंगा
जल
की
एक
बूंद
मिटाती
है
जन्मों
के
पाप
बोल बम का जाप कर रहे ये भक्त आज अपने आराध्य भोले नाथ को जलाभिषेक करने आ रहे हैं। ये अवसर देवों के देव महादेव की शादी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। भक्तों की आस्था का आलम ये है की वाराणसी ही नहीं बल्कि भारत के हर कोने से श्रद्धालु आज अपने आस्था के फूल लेकर काशी आए हुए हैं।
मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बसी काशी में आज सूर्य की पहली किरण के साथ ही भक्त गंगा में डुबकी लगाते दिखे। हाथों में गंगा जल और दूध लेकर भोले का अभिषेक किया जा रहा है। पुराणों में कहा गया है कि महाशिवरात्रि के गंगा स्नान से जहां कई जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है वहीं महादेव कि आराधना के इस पर्व पर गंगा जल की एक बूंद ज्योतिर्लिंग पर चढ़ाने से महादेव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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