Chandra Grahan 2018: ग्रहण काल में सुख-समृद्धि, सौभाग्य के लिए करें सप्तदीप प्रयोग
नई दिल्ली। 31 जनवरी 2018 माघ पूर्णिमा के दिन खग्रास चंद्र ग्रहण आ रहा है। ग्रहण काल में वैसे तो दान-धर्म का अपना महत्व है, लेकिन तंत्र-मंत्रों की सिद्धि के लिए भी यह समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल के दौरान किए गए मंत्रों की सिद्धि कई गुना होती है, लेकिन यह सब सिद्ध योगियों के लिए ही संभव है। सूर्य- चंद्र ग्रहण के समय गृहस्थों के लिए भी तंत्र शास्त्रों में कुछ प्रयोग बताए गए हैं, उनमें से एक है सप्तदीप प्रयोग। यह एक ऐसा प्रयोग है जिसे ग्रहण काल के दौरान करके समस्त प्रकार के सुख, समृद्धि, संपत्ति, धन, वैभव प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रयोग से ग्रहण के समस्त दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
आइये जानते हैं क्या है वह प्रयोग
यह है प्रयोग
ग्रहण का सूतक लगने से पहले या एक दिन पूर्व मिट्टी का एक बड़ा दीपक, रूई की सात बत्तियां और तिल का तेल लाएं। ग्रहण प्रारंभ होने के समय घर के दक्षिण भाग में पीली मिट्टी या गाय के गोबर से लीपकर उस पर दीपक रखें। दीपक में सात बत्तियां अलग-अलग दिशाओं में लगाकर तिल का तेल भरकर प्रज्जवलित करें। अब इस दीपक में चावल और सात सफेद कौडि़यां डालें।
भगवान विष्णु
भगवान विष्णु का ध्यान करें और सुख-समृद्धि की कामना करें। दीपक में तेल इतना भरें कि ग्रहण प्रारंभ होने से लेकर समाप्ति तक जलता रहे। ग्रहण समाप्ति के बाद दीपक का तेल खत्म होने तक उसे जलने दें। तेल इतना ही भरें, जिससे वह ग्रहण समाप्ति तक ही चले। दीपक पूरा होने के बाद उसे नदी, तालाब या कहीं विसर्जित कर दें। यह प्रयोग व्यक्ति को जीवन के समस्त सुख प्रदान करता है।
मंत्र प्रयोग
ग्रहण काल के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का मानसिक जाप करते रहें। इस मंत्र को चलते-फिरते, उठते-बैठते हर समय ग्रहण के दौरान करते रहें। इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं होगा। गर्भवती स्त्रियां भी इस मंत्र का मानसिक जाप करती रहेंगी तो उनका गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहेगा, उस पर ग्रहण की छाया नहीं पड़ेगी।
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