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उल्लूओं के लिए काली नहीं दिवाली की रात, जानिए कैसे?
नई दिल्ली। हमारे यहां उल्लू का दिखना अशुभ माना जाता है और दिवाली की रात उनके लिए काली मानी जाती है क्योंकि देश में कई स्थानों पर दिवाली के दिन उल्लूओं की बलि दी जाती है।
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लेकिन ऐसा करना गलत है क्योंकि उल्लू भी एक प्राणि है और प्राणि कभी भी अशुभ नहीं होते इसी कारण तीर्थनगरी हरिद्वार में लक्ष्मी की सवारी उल्लू की पूजा होती है।
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हरिद्वार के पंडितों का कहना है कि जिस को मां लक्ष्मी अपनी सवारी मानती हों वो भला गड़बड़ कैसे हो सकता है इसलिए दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के इस वाहन की भी अलग से पूजा करनी चाहिए।
आईये जानते हैं कि क्या कहते हैं पंडितगण उल्लूओं के बारे में..
- हरिद्वार के पंडितों का कहना है कि उल्लू को पूजे बिना भक्त पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है।
- उल्लू लक्ष्मी की सवारी है इसलिए धन-धान्य की प्राप्ति के लिए उल्लू की पूजा होती है।
- उल्लू किसी के लिए अशुभ नहीं होता।
- हरिद्वार में गौतम गोत्र के वंशजों द्वारा उल्लू पूजन की परम्परा लम्बे अरसे से चली आ रही है।
- गौतम गोत्र के लोग उल्लू के दर्शन को शुभ मानते हैं।
- उल्लू को बंधक बनाकर पूजा करना उचित नहीं है।
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English summary
Diwali, the Indian festival of light that starts this week, is a celebration of life–but it means death for thousands of owls.
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