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Diwali 2018: दिवाली की रात क्यों होती है उल्लूओं के लिए कयामत की रात?
नई दिल्ली। दिवाली रोशनी और खुशी का त्योहार है, इस दिन लोगों की कोशिश हर घर से अंधेरा मिटाने की होनी चाहिए लेकिन देश के कुछ स्थानों पर इस दिन उल्लूू की बलि दी जाती है क्योंकि दिवाली के दिन उल्लूओं का दिखना अशुभ माना जाता है लेकिन शास्त्रों और पुराणों की बात मानें तो उल्लू की बलि देना सरासर गलत है, वो कभी अशुभ नहीं हो सकता है क्योंकि मां लक्ष्मी का वाहन ही उल्लू है, इसलिए इसकी बलि देना सही नहीं है।
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Diwali:
चाहिए
खुशहाली
तो
दिवाली
से
पहले
घर
से
हटा
दें
ये
चीज़ें
|
Boldsky
चलिए जानते हैं कि उल्लूओं के बारे में देश के पंडित क्या कहते हैं...
- हरिद्वार के पंडितों का कहना है कि उल्लू को पूजे बिना भक्त पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है।
- जबकि काशी नगरी के पंडितों का मानना है कि उल्लू लक्ष्मी की सवारी है इसलिए धन-धान्य की प्राप्ति के लिए उल्लू की पूजा होती है।
- उल्लू किसी के लिए अशुभ नहीं होता।
- हरिद्वार में गौतम गोत्र के वंशजों द्वारा उल्लू पूजन की परम्परा लम्बे अरसे से चली आ रही है।
- गौतम गोत्र के लोग उल्लू के दर्शन को शुभ मानते हैं।
- उल्लू को बंधक बनाकर पूजा करना उचित नहीं है।
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English summary
Diwali, is a celebration of life – but it means death for thousands of owls.
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