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Nirjala Ekadashi 2018: निर्जला एकादशी के दिन करें शालिग्राम पूजा, पूरी होगी हर इच्छा

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है एकादशी। जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है वह भगवान विष्णु का प्रिय पात्र बन जाता है। वैसे तो वर्ष में आने वाली समस्त एकादशी अपने आप में महत्वपूर्ण है, लेकिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी का विशेष महत्व है। इसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है जो वर्ष की बड़ी एकादशियों में से एक है। इस दिन निराहार, निर्जल रहकर व्रत करने का विधान है।

शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व

शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए शालिग्राम पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दौरान अपनी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत के साथ-साथ शालिग्राम की पूजा अवश्य करना चाहिए।

क्या है शालिग्राम

क्या है शालिग्राम

शालिग्राम एक काले रंग का पत्थर होता है। जिस प्रकार शिवलिंग को शिव का रूप माना जाता है, उसी प्रकार शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा जाता है। वैष्णव संप्रदाय के लोगों के घर में शालिग्राम अवश्य होता है और वे प्रमुखता से इसका पूजन करते हैं। शास्त्रों का मत है कि शालिग्राम को घर में स्थापित करके प्रतिदिन पूजा करने से सभी प्रकार की परेशानियां खत्म हो जाती है।

क्या है शालिग्राम पूजा के लाभ

क्या है शालिग्राम पूजा के लाभ

  • शालिग्राम में नकारात्मक ऊर्जा सोखने की अद्भुत क्षमता होती है। यह जिस घर में होता है वहां हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
  • यह घर और उसमें रहने वाले सदस्यों को सभी प्रकार की बुरी नजरों और परेशानियों से बचाता है। एक तरह से यह घर के सदस्यों की रक्षा करता है।
  • यह भगवान विष्णु का ही प्रतीक है इसलिए यह जहां होता है, वहां मां लक्ष्मी का स्थायी निवास बन जाता है।
  • यदि घर में कोई व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ता है तो शालिग्राम को विधिवत स्थापित करके पूजा करने से घर से रोग समाप्त हो जाते हैं।
  • एकादशी के दिन क्या करें प्रयोग

    एकादशी के दिन क्या करें प्रयोग

    • अपने जीवन को सुख-समृद्धि और सौभाग्य से भरपूर बनाने के लिए निर्जला एकादशी के दिन शालिग्राम की विशेष तरह से पूजा की जाती है।
    • यदि आपको जीवन में कड़ी मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो एकादशी के दिन शालिग्राम को अपने पूजा स्थान में स्थापित करके, इस पर चंदन लगाएं और मिश्री और तुलसी के पत्तों का नैवेद्य लगाएं। इसके बाद प्रतिदिन इसकी पूजा करके ऊं नमो नारायणाय मंत्र का एक माला जाप करें। 21 दिनों में आपको इसका चमत्कार नजर आने लगेगा।
    • यदि आपका बिजनेस ठीक से नहीं चल रहा है या नौकरी में लंबे समय से प्रमोशन नहीं मिला है तो एकादशी का व्रत रखें और शालिग्राम पर चंदन से श्रीं लिखकर 108 तुलसी के पत्र अर्पित करें। इसके बाद सामने बैठकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। जल्द ही तरक्की भी मिलेगी और बिजनेस भी फलने लगेगा।
    • भाग्योदय करने में शालिग्राम का कोई सानी नहीं

      भाग्योदय करने में शालिग्राम का कोई सानी नहीं

      • घर में पैसा नहीं टिक रहा है, बीमारियों पर खर्च हो रहा है, या किसी को उधार दिया पैसा वापस नहीं लौट रहा है तो शामिलग्राम को घर में स्थापित करें और नियमित पूजा करें।
      • भाग्योदय करने में शालिग्राम का कोई सानी नहीं। एकादशी के दिन शाम के समय पूजा स्थान में चंदन की धूप लगाएं और शालिग्राम को कच्चे दूध और गंगाजल से धोकर श्रीसूक्त के 108 पाठ करें। इसके बाद प्रतिदिन एक पाठ रोज करें। इससे भाग्योदय होगा।
      • अविवाहित युवक-युवती यदि नियमित शालिग्राम पर गुलाब का एक फूल अर्पित करें तो शीघ्र विवाह होता है।

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English summary
Nirjala Ekadashi is a Hindu holy day falling on the 11th lunar day (Ekadashi) of the waxing fortnight of the Hindu month of Jyestha (May/June).The ekadashi derives its name from the water-less (Nir-jala) fast observed on this day.
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