नई दिल्ली। रुपये में गिरावट और पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार के लिए राहत की खबर है। अगस्त की खुदरा महंगाई दर घटकर 3.69 प्रतिशत हो गई है जो कि पिछले 10 महीने में सबसे कम है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर 4.17 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि में खुदरा महंगाई दर 3.28 प्रतिशत थी। इसकी वजह खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी है। जुलाई में खाद्य महंगाई दर 1.37 प्रतिशत थी जो अगस्त में 0.29% हो गई है। हालांकि इस दौरान उद्योगों का उत्पादन में भारी कमी आई है और यह 6.6 फीसदी तक घट गया है।
इससे पहले खाने पीने की चीजों और प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में आई नरमी से जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दर घटकर 5.09 फीसदी रही, जोकि जून में 5.77 फीसदी थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी डब्ल्यूपीआई आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 के जुलाई में थोक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 1.88 फीसदी रही थी। मंत्रालय ने अपने समीक्षा बयान में कहा, 'चालू वित्त वर्ष में अब तक बिल्ड-अप मुद्रास्फीति दर 2.92 फीसदी रही है, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 0.62 फीसदी थी।' क्रमिक आधार पर, प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 1.73 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि जून में इसमें 5.30 फीसदी की वृद्धि हुई थी। प्राथमिक वस्तुओं का डब्ल्यूपीआई में भार 22.62 फीसदी है। इसी प्रकार, खाद्य पदार्थो की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई और यह 2.16 फीसदी रही। इसका डब्ल्यूपीआई में भार 15.26 फीसदी है। ईंधन और बिजली श्रेणी का सूचकांक में 13.15 फीसदी भार है। इस श्रेणी में जुलाई में तेज महंगाई दर्ज की गई, जोकि 18.10 फीसदी रही, जबकि इसके पिछले महीने यह 16.18 फीसदी पर थी।