Honey Testing : भारतीय शहद का 100 देशों में करोड़ों का कारोबार, 5 राज्यों में नए लैब और प्रोसेसिंग यूनिट
नर्मदा (गुजरात), 22 मई : मधुमक्खी पालकों के लिए केंद्र सरकार ने पांच राज्यों में शहद टेस्टिंग लैब (honey testing) की स्थापना की है। सरकार का मानना है कि इन केंद्रों की स्थापना के बाद मधुमक्खी पालक और छोटे किसान सशक्त बनेंगे। भारत में मधुमक्खी पालन और शहद के एक्सपोर्ट की मात्रा देखी जाए तो इन केंद्रों की स्थापना के बाद छोटे किसानों और मधुमक्खी पालकों के लिए अवसरों के दरवाजे खुलेंगे। विश्व मधुमक्खी दिवस 2022 के मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने गुजरात के नर्मदा में मधुमक्खी पालकों से कहा कि पीएम मोदी का लक्ष्य छोटे किसानों को सशक्त बनना है। सरकार के बयान और शहद एक्सपोर्ट के आंकड़ों की मदद से जानिए, भारत में शहद उत्पादन और इससे जुड़ी इकोनॉमी मधुमक्खी पालकों और छोटे किसानों को क्या संकेत देती है।
करोड़ों का शहद निर्यात
दरअसल, सरकारी के आंकड़ों के मुताबिक भारत से हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये के शहद का निर्यात होता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में 1221.17 करोड़ से अधिक मूल्य के प्राकृतिक शहद का निर्यात किया गया। आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि पांच राज्यों में शहद टेस्टिंग (Honey Testing) लैब और प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से मधुमक्खी पालकों (beekeepers) और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा।
शहद के लिए बाजार की तलाश
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में पैदा होने वाले प्राकृतिक शहद का निर्यात होता है, जिसका 80 फीसद अमेरिका में जाता है। APEDA भारत के प्राकृतिक शहद निर्यात के लिए नई संभावनाएं तलाशने में जुटा है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA-एपीडा) के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु के मुताबिक, अमेरिका के अलावा अन्य क्षेत्रों या देशों में हनी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए APEDA राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है। अमेरिका के अलावा यूरोपीय संघ और दक्षिण पूर्व एशिया में शहद निर्यात को बढ़ावा देने के लिए APEDA किसानों, मधुमक्खी पालकों और अन्य हितधारकों का सहयोग कर रहा है।

शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्घाटन
गुजरात के नर्मदा में विश्व मधुमक्खी दिवस के मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार देश में 'मधु क्रांति' लाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। तोमर ने वर्चुअल माध्यम से जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, बांदीपुरा और जम्मू, कर्नाटक के तुमकुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, महाराष्ट्र के पुणे और उत्तराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रोसेसिंग यूनिट्स का उद्घाटन किया.

मधुमक्खी पालन पर मिशन मोड में सरकार
'राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन' के लिए पैसे केंद्र सरकार देती है। इसका मकसद क्षेत्रीय स्तर पर 5 बड़ी और 100 छोटी लेबोरेटरी बनाना है। इसमें शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पाद की टेस्टिंग की जाएगी। मिशन के तहत तीन वर्ल्डक्लास अत्याधुनिक लैब्स की स्थापना हो चुकी है। 25 छोटी लेबोरेटरी की स्थापना प्रक्रिया जारी है। भारत सरकार शहद उत्पादकों या मधुमक्खी पालकों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बनाने में भी मदद कर रही है।

1.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक शहद का उत्पादन
भारत में लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन से अधिक शहद का उत्पादन होता है। इसमें से 60 हजार मीट्रिक टन से अधिक प्राकृतिक शहद एक्सपोर्ट किया जाता है। भारत के शहद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, भारत सरकार और राज्य सरकारें वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दे रही हैं। सरकार के मुताबिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है, ताकि किसानों की आमदनी बढ़े.

शहद उत्पादन और निर्यात : भारत टॉप 10 देशों में शामिल
भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 716 करोड़ रुपये (96.77 मिलियन डॉलर) के बराबर के 59,999 मीट्रिक टन (एमटी) प्राकृतिक शहद का निर्यात किया। अमेरिका को 44,881 एमटी शहद एक्सपोर्ट किया गया। भारतीय शहद की डिमांड सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और कनाडा में भी है। 2020 में दुनियाभर में 7,36,266.02 मीट्रिक टन शहद निर्यात किया गया। शहद उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में आठवें नंबर पर है। हनी एक्सपोर्ट करने वाले देशों में भी भारत टॉप 10 में शामिल है। शहद निर्यातक देशों में भारत 9वें नंबर पर है।

इस साल 1221 करोड़ से अधिक शहद निर्यात
साल 2020-21 में अमेरिका में 482.58 करोड़ रुपये का शहद एक्सपोर्ट किया गया। 2021-22 में 1008.89 करोड़ रुपये का शहद निर्यात हुआ। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की बेवसाइट पर एक्सपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक भारत से प्राकृतिक हनी 100 देशों में भेजा जाता है। सभी देशों में भेजी गई शहद के मामले में 2020-21 में 716.23 करोड़ का हनी एक्सपोर्ट, जबकि 2021-22 में 1221.17 करोड़ से अधिक के शहद निर्यात की बात सामने आई।

पीएम मोदी ने 'मीठी क्रांति' का आह्वान किया
बता दें कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के लिए तीन वर्षों (2020-21 से 2022-23) के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए। NBHM का मकसद देश में वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना है। इसके लिए पीएम मोदी ने 'मीठी क्रांति' का आह्वान किया है। मीठी क्रांति का कार्यान्वयन का जिम्मा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) करता है। मीठी क्रांति का मकसद शहद की क्वालिटी बेहतर करना और निर्यात को बढ़ावा देना भी है।

चीनी की तुलना में शहद अधिक सेहतमंद
भारत में प्राकृतिक शहद उत्पादन पूर्वोत्तर क्षेत्र और महाराष्ट्र में सबसे अधिक होता है। कुल शहद का लगभग 50 प्रतिशत उपभोग घरेलू बाजार में होता है। बाकी दुनिया भर में निर्यात कर दिया जाता है। चीनी की तुलना में शहद अधिक सेहतमंद विकल्प माना जाता है। सरकार के मुताबिक वैश्विक बाजार में शहद की मांग और खपत बढ़ी है।

भारत से शहद निर्यात, करोड़ों का कारोबार
2019 में दुनियाभर में 1721 हजार मीट्रिक टन शहद उत्पादन हुआ। इसमें पराग संबंधित स्रोतों, जंगली फूल और जंगल के पेड़ों से मिलने वाले शहद भी शामिल हैं। विश्व के प्रमुख शहद उत्पादक देशों में भारत के अलावा चीन, तुर्की, ईरान और अमेरिका भी शामिल हैं। चीन, तुर्की, ईरान और अमेरिका में दुनिया का 50 फीसद शहद उत्पादन होता है।
हनी
एक्सपोर्ट
के
आंकड़े
भारत
से
शहद
निर्यात
के
आंकड़ों
पर
नजर
डालें
तो
2014-15
और
2019-20
के
दौरान
हर
साल
500
करोड़
रुपये
से
अधिक
मूल्य
का
प्राकृतिक
शहद
एक्सपोर्ट
किया
गया।
सबसे
अधिक
निर्यात
2018-19
के
दौरान
हुआ।
इस
साल
भारत
ने
732.19
करोड़
रुपये
का
प्राकृतिक
शहद
एक्सपोर्ट
किया।
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