
Good Luck प्लांट Bonsai की बागवानी, चंद रुपयों का निवेश, लाखों में कमाई
नई दिल्ली, 30 जून : बोनसाई प्लांट की बागवानी के अलावा बोनसाई का बिजनेस (Bonsai Business) लाखों रुपये की आमदनी का जरिया बन सकता है। जानकारों की मानें तो बोनसाई उगाने की शुरुआत सिर्फ 10- 20 हजार रुपये का निवेश कर की जा सकती है। इतनी कम राशि के इन्वेस्टमेंट में बोनसाई के बिजनेस से 2-4 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक कमाए जा सकते हैं। वनइंडिया हिंदी की इस रिपोर्ट में पढ़ें, बोनसाई की खेती या बागवानी कर कैसे हो सकती है लाखों रुपए तक की कमाई। ये भी जानिए कि बोनसाई में मेडिसिनल गुण कौन से होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। (बोनसाई प्लांट की सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक; साभार YouTube @DDKisan)

बोनसाई की बागवानी में अपार संभावनाएं
बदलती जीवन शैली के साथ-साथ लोग गार्डनिंग और रूफ टॉप फार्मिंग जैसे विकल्प चुन रहे हैं। बाजार में औषधीय पौधों की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। लोकप्रिय औषधीय पौधों में बोनसाई प्लांट (Bonsai Plant) भी शामिल है। जापान की संस्कृति में भी बोनसाई का काफी महत्व है। बोनसाई को गुडलक प्लांट भी माना जाता है। बोनसाई की बागवानी में काफी संभावनाएं छिपी हैं। ये लोगों को आर्थिक रूप से भी समृद्ध करता है। जानकारी के मुताबिक बोनसाई का इतिहास करीब 2000 साल पुराना है। माना जाता है कि चीन इसका मूल है, जो बाद में जापान में लोकप्रिय हुआ।

कहां इस्तेमाल होता है Bonsai
बोनसाई पौधे का इस्तेमाल घरों और बाग की सजावट के अलावा ज्योतिष शास्त्र और वास्तुशास्त्र में भी होता है। बोनसाई का बिजनेस कम पूंजी निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। बोनसाई प्लांट तैयार होने में 2 से 5 साल तक का समय लगता है। ऐसे में जरूरी बात ये कि अच्छे पैसे कमाने के लिए थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। अगर आपके पास खुद की जमीन नहीं है तो बोनसाई का पौधा नर्सरी से भी खरीदा जा सकता है। नर्सरी में तैयार बोनसाई प्लांट मार्केट में 30 से 50 प्रतिशत अधिक कीमत पर बिकते हैं।

भारत में लोकप्रिय बोनसाई पौधे
बोनसाई पौधे के जरिए अच्छी कमाई के लिए इसकी खेती का तरीका जानना काफी जरूरी है। बोनसाई उगाने में कितने रुपए खर्च होंगे ? ये सवाल सबसे जरूरी है, लेकिन प्रोत्साहित करने वाली बात ये है कि बोनसाई उगाने में केंद्र सरकार से भी आर्थिक मदद मिलती है। एग्रीफार्मिंग डॉटइन के मुताबिक भारत की जलवायु में जो बोनसाई पेड़ अच्छे से उगाए जा सकते हैं उनमें अनार, अंजीर, बांस, चीकू, क्रिसमस ट्री, अमरूद, गुलमोहर, आम, मेहंदी, मौसम्बी, पलास, रबड़, सिल्वर ओक, पीपल, विलायती इमली और शहतूत अधिक लोकप्रिय हैं।

हजारों का निवेश, लाखों की आमदनी
छोटे स्केल पर बोनसाई प्लांट का बिजनेस लगभग 10 हजार रुपए के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है। घरों और दफ्तरों को सजाने के शौकीन लोगों के बीच लकी पौधे के रूप में बोनसाई प्लांट की भरपूर है। इन पौधों की कीमत 200 रुपए से शुरू होती है। बड़े आकार और अच्छे से तैयार किए गए बोनसाई प्लांट 2500 रुपए तक भी बिकते हैं। बोनसाई प्लांट रखने के शौकीन लोग कई बार बोनसाई की मुंह मांगी कीमत भी देने के तैयार दिखते हैं।

कैसे उगाएं बोनसाई
बोनसाई प्लांट उगाने के लिए जरूरी सामानों (Grow Bonsai Essential goods) में सबसे अहम साफ पानी है। इसके अलावा रेतीली मिट्टी या रेत, गमले व कांच के पॉट, जमीन या छत पर 100 से 150 वर्ग फुट की जगह, साफ कंकड़ या कांच की गोलियां, पतला तार और पौध पर पानी छिड़कने के लिए स्प्रे बॉटल चाहिए। इसके अलावा बोनसाई के पौधों को सूरज की सीधी रौशनी और गर्मी से बचाने के लिए शेड भी बनाए जा सकते हैं। शेड के लिए जाली का इस्तेमाल करें।

बोनसाई उगाने में सरकारी मदद
सरकार की ओर से बोनसाई का पौधा उगाने में पैसे (Bonsai plantation Government help) दिए जाते हैं। तीन साल में एक पौधे की लागत करीब 240 रुपए आती है। इसमें सरकारी सहायता राशि 120 रुपए प्रति प्लांट है। 50 प्रतिशत सरकारी मदद का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार देती है। 40 प्रतिशत राज्य से मिलता है। पूर्वोत्तर भारत में बोनसाई उगाने के लिए 60 प्रतिशत राशि सरकार देती है। बाकी 40 प्रतिशत किसान निवेश करता है।

बोनसाई के बिजनेस में मुनाफा
बोनसाई की प्रजातियां होती हैं। इसे घर के अंदर और बाहर यानी खुली जमीन पर भी उगाया जाता है। ऐसे में उपलब्ध जमीन और जगह के हिसाब से 1 हेक्टेयर जमीन पर कम से कम 1500 पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधों का आकार छोटा होने पर अधिकतम 2500 पौधों की रोपाई की जा सकती है। एक अनुमान के मुताबिक 4 साल बाद बोनसाई के पौधे तैयार होने के बाद लगभग 2-4 लाख रुपये की आमदनी होगी। हर जिले में बोनसाई की खेती के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। कार्यालय में संपर्क कर उनसे भी जानकारी ली जा सकती है।

बोनसाई के मेडिसिनल बेनिफिट
बोनसाई के पौधों से हवा को शुद्ध रखने में मदद मिलती है। इन पौधों को इनडोर वायु प्रदूषकों को कम करने और घर के अंदर हवा को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है। कुछ प्रजातियां दूसरों की तुलना में बेहतर फिल्टर करती हैं।
तनाव कम करने में कारगर बोनसाई : इनडोर पौधों के साथ सक्रिय संपर्क होने पर रक्तचाप नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। मनोवैज्ञानिक तनाव की कम होता है।
बोनसाई मानवीय दृष्टिकोण सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
नमी बनाए रखने में मददगार बोनसाई : रूटब्रिजेस डॉटकॉम की रिपोर्ट में एक अध्ययन के हवाले से कहा गया है कि बोनसाई पौधों को घर के अंदर रखने से गले में खराश, खांसी और शुष्क त्वचा जैसी परेशानियां नहीं होतीं।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट में बोनसाई से मदद
सेहत से जुड़े फायदों के अलावा बोनसाई वृक्ष के आध्यात्मिक और व्यक्तिगत लाभ भी हैं।
धैर्य
विकसित
करने
में
मददगार
पारंपरिक
हाउसप्लांट
की
तुलना
में
बहुत
धीरे-धीरे
बढ़ने
वाले
बोनसाई
पौधे
इनसान
के
अंदर
धैर्य
बढ़ाने
में
कारगर
होता
है।
रचनात्मकता
को
जगाने
में
कारगर
बोन्साई
वृक्ष
के
आध्यात्मिक
लाभों
में
से
एक
रचनात्मक
पक्ष
का
उभार
भी
है।
आपको
अक्सर
नई
तकनीक
सीखनी
होती
है।
इसमें
तार
या
रस्सी
के
उपयोग,
संरचनात्मक
छंटाई
के
साथ
बोनसाई
प्लांट
का
विकास
शामिल
है।
ऐसे
में
आप
क्रिएटिव
तरीकों
से
बोनसाई
का
आकार
तय
कर
सकते
हैं।
अधिक
आत्म-जागरूकता
बोनसाई
एक
शौक
या
कला
के
रूप
में
लोकप्रिय
है।
इसका
जितना
अभ्यास
किया
जाए,
उतनी
ही
कला
में
निखार
आएगा।
बोनसाई
बाहरी
दुनिया
के
प्रति
हमारी
आंतरिक
प्रतिक्रियाओं
को
समझने
में
हमारी
मदद
करता
है।
आत्म-विश्वास
बढ़ाता
है
बोनसाई
पौधे
से
सेल्फ
कॉन्फिडेंस
बढ़ना
प्लांट
के
सभी
लाभों
में
से
सर्वोत्तम
या
सबसे
प्रभावशाली
माना
जा
सकता
है।
बोनसाई
भविष्य
की
योजना
बनाने,
समस्या-समाधान
और
नई
तकनीकों
को
सीखने
में
मदद
करता
है।
आप
पेड़
की
तरह
-
शांत,
स्थिर
और
संकल्प
के
साथ
बढ़ने
का
गुण
सीखते
हैं।
जैसे
ही
आप
नौसिखिए
से
आत्मविश्वासी
कार्यवाहक
के
रूप
में
आगे
बढ़ते
हैं,
आपको
याद
दिलाया
जाता
है
कि
आपका
एकमात्र
काम
कोशिश
करते
रहना
है।
जैसे-जैसे
बोनसाई
प्लांट
बढ़ता
है,
वैसे-वैसे
देखभाल
के
बारे
में
आपका
ज्ञान
भी
बढ़ता
है।
करुणा
के
साथ
काम
करने
की
कला
सिखाता
है
बोनसाई
बोनसाई
वृक्ष
सैकड़ों
वर्षों
तक
जीवित
रह
सकता
है,
लेकिन
जीवित
रहने
के
लिए
उसे
नियमित
देखभाल
की
आवश्यकता
होती
है।
बोनसाई
की
देखभाल
सभी
चीजों
के
नियमित
पोषण
पर
ध्यान
दिलाता
है।
जब
पेड़
से
पत्ते
गिर
जाते
हैं
तो
कम
आकर्षक
दिखने
वाली
शाखाओं
को
हटा
दिया
जाता
है।
इससे
नई
शाखाओं
के
लिए
जगह
बनाती
है।
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