क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Monsoon Farming : किसान करें मक्का, बाजरा और ज्वार जैसी फसलों की रोपाई की तैयारी

मॉनसून भारत में प्रवेश कर चुका है। खेती किसानी से जुड़े लोगों के लिए ये समय सुनहरा है, लेकिन ये जानना भी अहम है कि बारिश के मौसम में किन फसलों की खेती की जा सकती है। जानिए मॉनसून सीजन की खेती से जुड़े कुछ टिप्स

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 01 जून : मॉनसून सीजन की खेती (monsoon farming) के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। किसान भाई अगर बारिश के मौसम में फसलों की बुआई करने से पहले सही फसल का चुनाव करें तो अच्छी पैदावार हासिल की जा सकती है। कृषि से जुड़े लोगों की मानें तो बारिश के दौरान या मॉनसून सीजन शुरू होने पर मिलेट्स यानी मोटे अनाज की बुआई की तैयारी शुरू करनी चाहिए। कुछ जरूरी सलाह पर ध्यान देकर सब्जियों की खेती भी की जा सकती है। मॉनसून में मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की जरूरत है, इसकी पहचान जरूरी है। ऐसे में बंपर उत्पादन का एक फॉर्मूला मिट्टी की जांच कराना भी है। सॉयल टेस्टिंग के बाद फसलों का चुनाव करें और जहां संभव हो मिट्टी को समतल कराएं।

फसल की बंपर पैदावार की तैयारी

फसल की बंपर पैदावार की तैयारी

भारत में मॉनसून सीजन की शुरुआत हो चुकी है। मॉनसून केरल में दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक मॉनसून सीजन में बारिश अच्छी मात्रा में होगी। ये किसानों के लिए अच्छी खबर है। जिन इलाकों में सिंचाई के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, वहां खेती बारिश पर निर्भर होती है। ऐसे में अगले चार महीनों के दौरान (पूरे मॉनसून में) अच्छी बारिश का अनुमान, फसल की बंपर पैदावार के लिहाज से बेहतर संकेत हैं।

मौसम आधारित खेती की सलाह

मौसम आधारित खेती की सलाह

किसानों को मॉनसून सीजन के दौरान खरीफ फसल की तैयारी करते देखा जा सकता है। बंपर फसल उत्पादन के लिए किसानों को कुछ जरूरी बात पर ध्यान देना चाहिए। इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) की ओर से किसानों के लिए सलाह जारी की गई है। मौसम आधारित खेती की सलाह में ICAR ने कहा है कि रबी की फसल कटने के बाद किसान खेतों की गहरी जुताई कराएं। जुताई के बाद खेतों में अच्छी और पर्याप्त धूप लगे ऐसा इंतजाम करें। ICAR के मुताबिक खेतों में तेज धूप लगने से मिट्टी में छिपे कीड़े और उनके अंडे सहित घास खत्म हो जाएगी। इससे फसलों को नुकसान की आशंका नहीं रहेगी।

बुआई के समय मिट्टी में नमी

बुआई के समय मिट्टी में नमी

मॉनसून में मिलेट्स की बुआई की जा सकती है। मतलब, किसान भाई बाजरा, मक्का, ज्वार जैसी फसलों की बुआई कर सकते हैं। अरहर की बुआई भी की जा सकती है। बुआई के समय मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए। बाजरे की वैश्विक मांग को देखते हुए भारत बड़ी मात्रा में निर्यात भी कर रहा है। ऐसे में बाजरे की बंपर पैदावार से किसान मुनाफा कमा सकते हैं। बात दाल की करें तो अरहर सबसे लोकप्रिय वेराइटी में एक है। ऐसे में मार्केट में इसकी डिमांड भी भरपूर होती है। अरहर की मार्केट डिमांड को देखते हुए किसानों के लिए इसकी खेती आर्थिक मुनाफे का बड़ा जरिया बन सकता है।

मार्केट में दाल की डिमांड, उन्नत किस्म चुनें

मार्केट में दाल की डिमांड, उन्नत किस्म चुनें

भारत में दालों का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। ICAR अरहर की बुआई के बारे में सलाह देता है कि बीज की गुणवत्ता पर जरूर ध्यान दिया जाए। अरहर की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए ? इस सवाल पर ICAR का कहना है कि अरहर के बीजों की बुआई से पहले राईजोबियम और फास्फोसर में घुल जाने वाले बैक्टीरिया से बीजों का उपचार करना बेहतर फसल और बंपर उत्पादन में मदद करता है। अरहर की उन्नत किस्मों में पूसा 2001स पूसा 991 और पूसा 992 का चुनाव किया जा सकता है। इसके अलावा कई और भी प्रकार बाजार में मौजूद हैं, तो किसान अपने वातावरण के लिए उपयुक्त बीज का चुनाव करने के लिएनजदीकी कृषि विशेषज्ञ से भी संपर्क कर सकते हैं।

बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती

बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती

मॉनसून का समय ज्वार, बाजरा जैसी फसलों की खेती के अलावा सब्जियों का उत्पादन भी किया जा सकता है। हालांकि, बारिश के मौसम में सब्जियों की खेती और इनकी देखभाल चुनौतीपूर्ण भी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि तापमान में उतार-चढ़ाव से सब्जियों के पौधे प्रभावित होते हैं।

सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई

सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई

ICAR की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि तापमान अधिक रहने की आशंका के मद्देनजर सब्जियों को सुबह या शाम में तोड़ना चाहिए। खेत से लाने के बाद सब्जियों को छाया में रखना चाहिए। बारिश के मद्देनजर किसानों को मॉनसून के दौरान सब्जियों की फसल में हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

कीटनाशकों का छिड़काव

कीटनाशकों का छिड़काव

बेलवाली फसलों और सब्जियों में कम से कम नमी रहे, किसान भाई इस बात का भी ध्यान रखें। मिट्टी में नमी कम होने पर परागण प्रभावित हो सकता है। फसल का उत्पादन कम न हो इसके लिए यूरिया और कीटनाशकों के छिड़काव का भी ऑप्शन है।

भिंडी की फसल से जुड़ी सलाह

भिंडी की फसल से जुड़ी सलाह

भिंडी की फसल पर आईसीएआर की सलाह के मुताबिक पौधों से भिंडी की एक बार तुड़ाई के बाद एक एकड़ खेत में 5-10 किलोग्राम यूरिया डालना चाहिए। भिंडी में माईट कीट की आशंका होती है, ऐसे में इसकी भी निगरानी करें। कीड़े का प्रकोप बढ़ने पर भिंडी के पौधों पर ईथियॉन नाम की दवा 1.5 से दो मिलीलीटर एक लीटर में पानी में की दर से छिड़काव करें।

खेतों को समतल बनाएं

खेतों को समतल बनाएं

बैंगन और टमाटर की फसल को सुरक्षित रखने और बंपर पैदावार के लिए फल में छेद करने वाले कीटों से बचाव जरूरी है। कीटों से बैंगन टमाटर की सुरक्षा के लिए कीटनाशक दवा स्पिनोसेड़ 48 ईसी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवाई को 4 लीटर पानी में एक मिलिलीटर डालना होता है। दवाई के प्रयोग से पहले अगर पौधों में लगे फलों में कीट लग चुका है तो किसान भाई प्रभावित पौधों की पहचान कर फलों को नष्ट कर दें। इसके अलावा जिन जगहों पर संभव हो खेतों को समतल भी बनाना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Kitchen Gardening : छोटे निवेश में घर पर उगाएं टमाटर, मिर्च जैसी सब्जियांये भी पढ़ें- Kitchen Gardening : छोटे निवेश में घर पर उगाएं टमाटर, मिर्च जैसी सब्जियां

Comments
English summary
Agriculture in monsoon season. Crop cultivation Tips for Monsoon farming. Know about sowing seeds during rain.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X