...तो इस वजह से वाराणसी में जय गुरुदेव के कार्यक्रम में मची थी भगदड़ !
वाराणसी। शनिवार को जय गुरुदेव के कार्यक्रम में वाराणसी के राजघाट पुल पर मची भगदड़ में 24 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। इनमें 14 महिलाएं थीं। नीचे तस्वीरों के जरिए समझिए और जानिए कि आखिर क्यों मची थी भगदड़ और कैसा था राजघाट पुल पर हादसे के वक्त माहौल -
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जागरूकता के लिए निकाल रहे थे जुलूस
वाराणसी और चंदौली बॉर्डर पर जब जय गुरुदेव के अनुयायी शाकाहार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जुलूस निकाल रहे थे, उसी वक्त यह हादसा हुआ।
करीब 1 लाख लोग थे मौजूद
मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि इस जुलूस में तकरीब 1 लाख लोग मौजूद थे। इसके आयोजक संतराम चौरसिया ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया कि ऐसी अफवाह थी कि राजघाट पुल ढहने वाला है और इसीलिए लोग इधर-उधर भागने लगे। यही वजह थी कि हादसा हो गया।
हर ऐंगल से जांच कर रही है पुलिस
यूपी एडीजी(लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी इस हादसे के तुरंत बाद लखनऊ से वाराणसी रवाना हुए। उनके साथ होम सेक्रेटरी एसके रघुवंशी भी थे।
अफवाह को भी मानकर जांच
दलजीत के मुताबिक, पुलिस इस मामले में कई थ्योरीज पर काम कर रही है और इनमें से एक इस अफवाह को भी मानकर जांच कर रही है।
भगदड़ के वक्त हुई धक्कामुक्की
एक पुलिसकर्मी ने बताया कि जय गुरुदेव के अनुयायी भगदड़ के वक्त राजघाट पुल पर जा रहे थे और ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई। भगदड़ के वक्त हर कोई सुरक्षित स्थान पर जाने को लेकर एक दूसरे को धक्का देने लगा।
इस दौरान बीएचयू और लाल बहादुर शास्त्री सरकारी अस्पताल तक घायलों को ले जाने के लिए एक के बाद एक एंबुलेंस वहां आ रही थीं।
तय से ज्यादा लोग हुए शामिल
यूपी डीजीपी जावेद अहमद ने लखनऊ में कहा कि इस जुलूस के व्यवस्थापकों ने 5 हजार लोगों के शामिल होने की बात की थी लेकिन जुलूस के वक्त यह संख्या कई गुणा ज्यादा थी।
चंदौली और बनारस का जोड़ता है पुल
भीड़ इतनी ज्यादा थी कि राजघाट पुल के आसपास लंबा जाम लगा रहा। यहां तक कि कई लोगों को जान हथेली पर रखकर पुल के किनारे रेलिंग पर चलते देखा गया। इस पुल को मालवीय पुल के नाम से भी जाना जाता है। गंगा के ऊपर बना यह पुल वाराणसी और चंदौली को जोड़ता है।