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गोरखपुर कांड में योगी सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, अधिकारियों के हाथ-पैर फूले

गोरखपुर अस्पताल में मारे गए बच्चों के मामले में योगी सरकार ने एफआईआर दर्ज करने के दिए आदेश, पहली बार दोषी कर्मचारियों, डॉक्टर व गैस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मारे गए बच्चों के मामले में मंगलवार को अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारियों, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दे दिया है। सरकार की तरफ से यह एफआईआर मुख्य सचिव राजीव कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज कराई गई है। इस रिपोर्ट में जिन लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया गया है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यह रिपोर्ट मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर है कि कैसे 48 घंटे के भीतर 33 बच्चों की मौत हो गई और क्या वजहें थी जिसके चलते इस तरह की त्रासदी से लोगों को गुजरना पड़ा।

कई अधिकारियों का हुआ तबादला

कई अधिकारियों का हुआ तबादला

इसके साथ ही योगी सरकार ने मेडिकल शिक्षा के एडिशनल मुख्य सचिव का तबादला कर दिया है, साथ ही अनीता भटनागर जैन को डीजी ट्रेनिंग के पद पर नियुक्त किया है। वहीं रजनीश दुबे जोकि राजस्व विभाग के अध्यक्ष हैं उन्हें मेडिकल शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। हालांकि इस घटना में डीजी मेडिकल शिक्षा केके गुप्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन की भूमिका पर कुछ भी नहीं कहा गया है।

 इन लोगों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

इन लोगों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर


जांच रिपोर्ट में गोरखपुर हादसे में पाए गए आरोपियों पर एफआईआर मंगलवार मध्यरात्रि तक दर्ज करानी थी। सूत्रों की मानें तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी कंपनी के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज होगी। वहीं मिश्रा और ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही का भी मामला दर्ज किया जाएगा।। साथ ही इंसेफिलाइटिस विभाग के नोडल ऑफिसर पर कफील खान के खिलाफ भी प्राइवेट प्रैक्टिस करने का मामला दर्ज किया जाएगा।

दोषियों पर दर्ज होगा आपराधिक मामला

दोषियों पर दर्ज होगा आपराधिक मामला


मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को मंगलवार दोपहर को सौंप दी थी। रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री आशुतोष टंडन को सुझाव दिया गया है कि वह अस्पतालों का दौरा करें और पीड़ित परिवारों की मदद के लिए प्रयास करें। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए शॉर्ट टर्म और लॉग टर्म लक्ष्य निर्धारित किए जाए। वहीं इस रिपोर्ट के मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि इस मामले में जो भी दोषी है उसे बक्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।

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English summary
Yogi Adityanath government orders FIR against the officials in Gorakhpur tragedy. Dr Kafil Khan would also be booked.
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