अयोध्या में राम म्यूजियम के लिए योगी सरकार 10 दिन के भीतर देगी जमीन
अयोध्या में राम म्यूजियम बनने का रास्ता साफ, अगले 10 दिनों के भीतर योगी सरका रम्यूजियम के निर्माण के लिए देगी जमीन।
लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर विवाद पर जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है उसके बाद एक बार फिर से यह मुद्दा चर्चा में है। लेकिन दूसरी तरफ अयोध्या में राम म्यूजियम के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। यूपी चुनाव से पहले जिस तरह से केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम म्यूजियम बनवाने की योजना बनाई थी, उसे योगी आदित्यनाथ ने पूरा करने के लिए जमीन देने का फैसला किया है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए यूपी सरकार ने दस दिन के भीतर जमीन देने का फैसला लिया है।
जल्द शुरु होगा निर्माण
यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ने राम म्यूजियम बनवाने की बात कही थी, जिसके लिए जमीन आवंटिक अखिलेश सरकार ने कर दी थी, लेकिन अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले 10 दिनों के भीतर इसके लिए जमीन देने की बात कही है। आपको बता दें कि यह म्युजियम विवादित स्थल से 10 से 15 किलोमीटर दूर बनाया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राम म्यूजियम बनाने का प्रस्ताव रखा था जिसे हरी झंडी मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर महेश शर्मा ने कहा कि हम हमेशा से ही कोर्ट के बाहर मामले को सुलझाने को तैयार हैं।
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी समझौते के मूड में नहीं
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज राम मंदिर विवाद पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि अगर इस मामले में दोनो पक्ष कोर्ट के बाहर समझौता करें तो अच्छा होगा, अगर दोनों पक्ष चाहें तो मैं खुद इस मामले में मध्यस्थता कर सकता हूं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दोनों पक्ष कोर्ट के बाहर समझौता करने के लिए तैयार हैं तो इस मामले की सुनवाई कोर्ट में नहीं होगी। लेकिन इस टिप्पणी के बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के पैरोकार जफरयार जिलानी ने कहा कि आपसी बातचीत से सुलह नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या जज इसमें मध्यस्थता करें तो हम इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो तजुर्बा है उसके हिसाब से समझौता नहीं हो सकता है, कई बार हमने कोशिश की लेकिन समझौता नहीं हो सका है।
केंद्र सरकार ने म्यूजियम निर्माण के लिए आवंटित किया 154 करोड़
आपको बता दें राम म्यूजियम के लिए केंद्र सरकार ने 154 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है, यह 25 एकड़ के विशाल स्थल पर बनाया जाएगा। वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले पर भाजपा सांसद ने इसे लॉलीपॉप करार देते हुए कहा था कि राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए, यह सिर्फ एक लॉलीपॉप है, अगर मंदिर निर्माण नहीं होता है तो हम एक बार फिर से सड़कों पर उतरेंगे। हालांकि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्होंने कहा है कि हमारी सरकार बन गई है और अब इस सरकार को समय देना चाहिए।
आसान नहीं है राम मंदिर निर्माण का रास्ता
यूपी चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने तमाम रैलियों के दौरान राम मंदिर के मुद्दे को लोगों के बीच रखा था, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद किस तरह से राम मंदिर निर्माण का रास्ता तय होगा। हालांकि आरएसएस और तमाम हिंदू संगठन कोर्ट से बाहर समझौते के लिए तैयार हैं, लेकिन जिस तरह से बाबरी मस्जिद के पैरोकार ने साफ कहा है कि कोर्ट के बाहर इस मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता है, उससे साफ है कि यह मुद्दा इतना जल्दी खत्म नहीं होने वाला है।