यूपी के स्कूलों में अब पढ़ाया जाएगा योग, 9वीं में होगा आसन तो 11वीं में ताड़ासन
उत्तर प्रदेश में योग शिक्षा को लेकर जुलाई माह से बड़ा बदलाव हो रहा है। यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्रदेश के 25 हजार से अधिक स्कूलों में बच्चों को उनकी क्लास के अनुसार योग की शिक्षा दी जाएगी।
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में योग शिक्षा को लेकर जुलाई माह से बड़ा बदलाव हो रहा है। यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्रदेश के 25 हजार से अधिक स्कूलों में बच्चों को उनकी क्लास के अनुसार योग की प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक शिक्षा दी जायेगी। इसके लिये पाठ्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। हमारी इस खबर से आप जान सकेंगे कि कौन सी क्लास में कौन सा योग बच्चों को सिखाया जायेगा। यूपी बोर्ड के सचिव शैल यादव ने बताया कि इस बदलाव के लिये विशेषज्ञों की राय ली गई है और पाठ्यक्रम तैयार कराया गया है। बच्चे इसमे हिस्से अनिवार्य रूप से लें। इसलिये योग की लिखित व प्रैक्टिकल परीक्षा भी होगी।
क्लास 9th
नौंवी
क्लास
के
बच्चों
को
योग
शिक्षा
की
प्रारंभिक
जानकारी
देते
हुये
उनके
अंदर
योग
के
बीज
बोये
जायेंगे।
जिसमें
1
-
योग
एवं
योग
शिक्षा
-
इसमे
बच्चो
को
योग
का
अर्थ
एवं
परिभाषा
बताई
जायेगी।
2
-
योग
की
भ्रांतियां
-
इसमें
योग
की
पारम्परिक
एवं
आधुनिक
क्रिया
से
परिचित
कराकर
भ्रांतियां
दूर
की
जायेंगी।
3
-
आसन
-
इस
अध्याय
में
आसन
की
परिभाषा,
उद्देश्य
व
आसनों
का
वर्गीकरण
एवं
इसके
शारीरिक
मानसिक
व
चिकित्सकीय
प्रभाव
के
बारे
में
जानकारी
मिलेगी।
4
-
अष्टांग
योग
-
संक्षिप्त
परिचय,
यम,
नियम,
आसन,
प्राणायाम,
प्रत्याहार,
धारणा,
ध्यान
व
समाधि।
5
-
किशोरावस्था
में
शारीरिक
एवं
मानसिक
परिवर्तन
व
विशेषताएं।
6
-
किशोरावस्था
में
मार्गदर्शन
एवं
योग
की
भूमिका।
7
-
सात्विक
आहार,
राजसिक
आहार,
तामसिक
आहार
व
आहार
संबंधी
आवश्यक
नियम
को
शामिल
किया
गया
है।
क्लास 10th
दसवीं
कक्षा
में
पढने
वाले
बच्चों
को
योग
के
दूसरे
चरण
यानी
कठिन
चरण
से
परिचित
कराया
जायेगा।
1
-
योग
-
कला
एवं
विज्ञान,
योग
के
प्रकार
(जिसमे
मंत्रयोग
एवं
हठयोग
दोनों
शामिल
होंगे)
2
-
समन्वित
वर्गीकरण,
कर्मयोग
व
प्रमुख
योग
के
प्रकार
व
ज्ञानयोग,
कर्मयोग,
लययोग,
मंत्रयोग,
राजयोग
व
हठयोग
का
विवेचन।
3
-
अष्टांग
योग-
प्राणायाम
प्रत्याहार
-
प्राणायाम
वैज्ञानिक
व्याख्या,
श्वसन
प्रक्रिया,
आक्सीजनेशन
(जारण
क्रिया),
वैज्ञानिक
अनुसंधानात्मक
निष्कर्ष।
4
-
षट्कर्म
एवं
स्वास्थ्य:
षटकर्म
का
परिचय,
जल
नेति
व
सूत्र
नेति।
5
-
किशोरावस्था:
संबंध
संवेदनाएं,
दुष्प्रभाव
और
यौगिक
निदान
6
-
किशोरावस्था
स्वस्थ्य
यौनिकता
में
किशोरावस्था:
परिवर्तन
के
साथ
सावधानी
बरतना
है।
11th क्लास
ग्यारहवीं
में
योग
के
इतिहास
व
उच्च
ज्ञान
का
संदर्भ
होगा।
जिसमें
-
1
-
ऐतिहासिक
पृष्ठभूमि
-
हिरण्यगर्भशास्त्र
2
-
सांख्य
एवं
औपनिषदिक
प्राणविद्या
3-
ऋषि
पतंजलि
तथा
योगसूत्र
का
उद्भव
एवं
योगदर्शन
की
परंपरा।
4-
वर्तमान
में
योगशिक्षा
का
माहत्व
-
योग
का
शरीर
क्रियात्मक
आधार,
योग
एक
विकासात्मक
उत्प्रेरक।
5-
अष्टांग
योगधारणा
एवं
ध्यान
-
धारणा
प्रक्रिया,
प्रयोगजन
व
लाभ,
ध्यान:
स्वरूप
एवं
परिभाषा।
6
-
अष्टचक्र
एवं
पंचकोश
-
मूलाधार
चक्र,
स्वाधिष्ठान
चक्र,
मणिपुर
चक्र,
हृदय
चक्र,
अनाहत्
चक्र,
विशुद्धि
चक्र,
आज्ञा
चक्र,
सहस्त्रार
चक्र।
7
-
योग
एवं
प्राकृतिक
चिकित्सा
-
प्राकृतिक
चिकित्सा
क्या
है,
विधियां
एवं
लाभ
में
जल,
वाष्प,
मृत्तिकोपचार
चिकित्सा,
वायुसेवन
अभ्यंग,
आतपोपचार,
उपवास
एवं
विश्रमण।
यहां
पर
प्रैक्टिकल
भी
कराया
जायेगा।
जिनमे
खड़े
होकर
किए
जाने
वाले
आसन
होंगे।
8
-
ताड़ासन,
तिर्यकताड़ासन,
वृक्षसन।
12th क्लास
बारहवीं
में
छात्र
जीवन
को
पूरी
तरह
योगाभ्यास
व
ज्ञान
से
परिपूर्ण
किया
जायेगा।
इस
क्लास
में
जो
कोर्स
शामिल
किया
गया
है।
उनमें
-
1-
योग
इतिहास
-
प्राचीन,
मध्यकालीन
व
आधुनिक
युग
में
योग
परम्परा
एवं
उसका
विकास
2
-
अष्टांगयोग
समाधि
-
समाधि
का
अर्थ
एवं
परिभाषा
।
3
-
शारीरिक
एवं
मानसिक
स्वास्थ्य
-
वैदिक
मान्यता,
पारम्परिक
मान्यता,
आधुनिक
मान्यता।
4
-
किशोरवय
की
समस्याएं
एवं
रोग
-
मानसिक
परिवर्तन,
समस्याएं
एवं
उलझनें,
योग
निर्देशन।
5
-
योग
एवं
आयुर्वेद
चिकित्सा
पद्धति
-
आयुर्वेद
क्या
है,
अर्थ
एवं
परिभाषा,
आयुर्वेद
चिकित्सा
की
विशेषताएं,
आयुर्वेद
का
विषय
क्षेत्र।
क्या कहा सचिव ने?
इस पाठ्यक्रम की जानकारी देते हुये यूपी बोर्ड के सचिव शैल यादव ने बताया कि नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन मई माह में ही प्रकाशित कर दिया गया था। जिसे अब स्कूलों को भेजा जा रहा है। जुलाई से शुरू होने जा रहे सत्र में अनिवार्य रूप से इस संशोधित पाठ्यक्रम को शामिल किया जायेगा और इस पाठ्यक्रम के अनुसार ही योग शिक्षा प्रदान की जाएगी।