45 दिन पहले डिलीवरी के दौरान हुई थी युवती की मौत, जानिए कब्र खोदकर क्यों निकाली गई लाश
पुलिस को दी गई तहरीर में शकील का आरोप है कि यदि उसकी बहन का इलाज सही तरीके से कराया गया होता तो शायद उसकी मौत नही होती।
अमेठी। करीब 45 दिन पहले डिलेवरी के दौरान इलाज में महिला की मौत हो गई। बहन की इस तरह मौत की कहानी भाई को हजम नहीं हुई तो वो इंसाफ के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पहुंच गया। जहां हाईकोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को थाना शुकुल बाज़ार की पुलिस की मौजूदगी में शव को कब्र खोद कर निकाला गया पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक शुकुल बाज़ार थाना क्षेत्र के पूरे भरोसी मजरे शेखपुर भंडरा निवासी मो. आमिर की पत्नी अकीलुन निसा (25) को 25 जनवरी को डिलेवरी हुई थी। सूत्रों की मानें तो ये डिलेवरी लड़की के सुसराल में ही हुई थी। मृतका के भाई शकील का आरोप है कि डिलेवरी के दौरान इलाज में लापरवाही बरतने से उसकी बहन की मौत हो गई। इसे भी पढ़ें- 10 साल से पति-पत्नी के बीच नहीं होता था सेक्स, पत्नी ने प्राइवेट पार्ट ही काट डाला
भाई की तहरीर पर दर्ज हुआ है मुकदमा
भाई शकील की मानें तो जिस समय बहन को डिलेवरी हुई वो अहमदाबाद में था। बहन की मौत की ख़बर पाकर वो अहमदाबाद से अपने घर पहुंचा। शकील के अनुसार उसकी बहन की मौत शिशु को जन्म देने के बाद हुई थी। जिसकी शिकायत उसने स्थानीय थाने में की थी। पुलिस ने इलाज में लापरवाही के साथ अन्य धाराओं में 6 फरवरी को सुसरालीजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को दी गई तहरीर में शकील का आरोप है कि यदि उसकी बहन का इलाज सही तरीके से कराया गया होता तो शायद उसकी मौत नही होती।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में एसडीएम मुसाफिरखाना अभय पाण्डेय ने बताया कि मृतका के भाई शकील की शिकायत और हाईकोर्ट लखनऊ के आदेश पर शव को खुदवा कर परीक्षण हेतु भेजा गया है। इधर डेढ़ माह के शिशु का पालन पोषण बहराल ससुरालीजनों द्वारा ही किया जा रहा है। वहीं एसओ रेखा सिंह ने बताया कि प्रकरण की विवेचना मुसाफिरखाना पुलिस क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ तोमर द्वारा की जा रही है।