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यूपी में सीएम के लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह को ये पसंद हैं?

सुरेश खन्ना, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर सीट से बीजेपी के टिकट पर लगातार आठवीं बार जीत दर्ज की है। भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुरेश खन्ना को दिल्ली बुलाया गया है।

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुत मिलने के बाद अब जनता को इंतजार है कि आखिर यूपी का मुख्यमंत्री कौन होगा? उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर कई कद्दावर और चर्चित चेहरों के बीच एक नया और चौंकाने वाला नाम सामने आया है। लो प्रोफाइल लेकिन जमीनी नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले आठ बार के विधायक सुरेश खन्ना इस रेस के लिए एकदम नया नाम हैं। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी सुरेश खन्ना की तरफदारी की जा रही है।

सीएम रेस में सुरेश खन्ना का नाम सबसे आगे

सुरेश खन्ना, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर सीट से बीजेपी के टिकट पर लगातार आठवीं बार जीत दर्ज की है। भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुरेश खन्ना को दिल्ली बुलाया गया है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना को दी जा सकती है। सीएम पद को लेकर उनका नाम तेजी से आगे चल रहा है।

कौन हैं सुरेश खन्ना?

कौन हैं सुरेश खन्ना?

वकालत के जरिए राजनीति में आने वाले सुरेश खन्ना करीब तीन दशक से बीजेपी के लिए शाहजहांपुर नगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज करते रहे हैं। सुरेश खन्ना की पहचान जमीनी नेता के तौर पर है। क्षेत्रीय जनता से संपर्क में रहना उनकी सबसे बड़ी ताकत है। बता दें कि बीजेपी की ओर से यूपी में सीएम का ऐलान 16 मार्च को किया जाएगा। बीजेपी विधानमंडल दल के नेता और संभावित मुख्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना से जब सवाल किया कि अगर उनको मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी जाती है तो क्या वह जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं, तो उनका कहना था कि ये काल्पनिक सवाल है।

सीएम के मुद्दे पर क्या कहा सुरेश खन्ना ने?

सीएम के मुद्दे पर क्या कहा सुरेश खन्ना ने?

बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा ये संसदीय बोर्ड तय करता है उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वह उसे निभाने को तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार बनते ही प्रदेश की जनता को तीन महीने के अंदर प्रदेश में बदलाव दिखने लगेगा। बीजेपी विधानमंडल दल नेता सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि पिछले 15 सालों में उत्तर प्रदेश मे सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं थी। सरकारी पैसों का दुरूपयोग, भ्रष्टाचार कानून की धज्जियां उड़ाने का अभी तक काम चलता रहा, लेकिन प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अच्छी सरकार देने का भरोसा दिखाया। केंद्र में सरकार बनने के तीन साल के बाद ही जनता ने प्रदेश मे 325 सीटें दिला कर विकास का रास्ता चुन लिया।

शाहजहांपुर से लगातार 8वीं बार जीते हैं सुरेश खन्ना

शाहजहांपुर से लगातार 8वीं बार जीते हैं सुरेश खन्ना

सुरेश कुमार खन्ना ने जीत के बाद प्रदेश की जनता का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने जीत का श्रेय केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज और अमित शाह की नीतियों को दिया। आपको बता दें कि सुरेश कुमार खन्ना लगातार 8वीं बार विधायक चुने गए हैं। सुरेश कुमार खन्ना को 1 लाख 7 हजार 34 वोट मिले हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी तनवीर खान 19203 वोटों से हराया। सपा प्रत्याशी तनवीर खान को 81531 वोट मिले हैं। तनवीर खान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।

सीएम रेस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी शामिल

सीएम रेस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी शामिल

सुरेश खन्ना के साथ-साथ सीएम पद की रेस में कुछ और नाम शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम केशव प्रसाद मौर्य का भी बताया जा रहा है। केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे सियासी गुणा-गणित का भी असर है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लगातार इस बात के संकेत देते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री साफ-सुथरी छवि का शख्स होगा जो प्रदेश से जुड़ा हो। पार्टी में सीएम पद के दावेदारों पर नजर डालें तो केशव प्रसाद मौर्य ही इन खूबियों पर फिट बैठते हैं। बीजेपी प्रदेश की सत्ता आई है इसके पीछे भी केशव प्रसाद का बड़ा योगदान है। केशव प्रसाद को चुनाव से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। केशव मौर्य भी संघ से जुड़े रहे हैं और बीजेपी के असरदार नेताओं में शुमार हैं। केशव मौर्य विवादों से दूर रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी ने जिस वोट बैंक पर नजर डाली थी केशव मौर्य उसी से आते हैं। वह पूर्वांचल से भी हैं जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य फोकस रहा है। इससे केशव मौर्य की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है।

मनोज सिन्हा भी दावेदारों में शामिल

मनोज सिन्हा भी दावेदारों में शामिल

बीजेपी में केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन और भी नेता हैं जो इस पद की रेस में हैं। इनमें केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का नाम भी शामिल बताया जा रहा है। पूर्वांचल से आने वाले सिन्हा के कामकाज की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं और पूर्वांचल में उनका खासा प्रभाव रहा है। हालांकि बीजेपी फिर से एकजुट हुए अपने वोटबैंक को छिटकने से रोकने की वजह से मनोज सिन्हा को नजरअंदाज कर सकती है। वह संघ से जुड़े रहे हैं और कहा जाता है कि संघ की पैरवी पर ही उन्हें मंत्री बनाया गया था।

योगी आदित्यनाथ भी मुकाबले में

योगी आदित्यनाथ भी मुकाबले में

बीजेपी के कद्दावर नेता और गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के वर्चस्व से हर कोई वाकिफ है। यूपी चुनाव से पहले सिर्फ पूर्वांचल में सीमित रहे योगी को बीजेपी स्टार प्रचारक बनाया और उन्होंने पश्चिमी यूपी में पार्टी के लिए धुआंधार प्रचार किया। उन्होंने सबसे ज्यादा रैलियां कीं और वोट जुटाने की हर संभव कोशिश की है। बीजेपी जीतती है तो उसरा श्रेय योगी आदित्यनाथ को भी मिलेगा। वह बीजेपी से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। चुनाव से पहले भी उन्हें सीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग उठी थी। हालांकि आदित्यनाथ ने खुद को सीएम पद की रेस से बाहर बताया है। उनकी कट्टर हिंदूवादी छवि को देखते हुए भी इस पद के लिए उनका दावा कामजोर माना जा रहा है।

खास रणनीतिकार दिनेश शर्मा पर क्या लगेगी मुहर

खास रणनीतिकार दिनेश शर्मा पर क्या लगेगी मुहर

लखनऊ के मेयर और बीजेपी नेता दिनेश शर्मा पार्टी के चुनिंदा चेहरों में शामिल हैं। दिनेश शर्मा को पार्टी ने लगातार बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं। चाहे वह पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाना हो या फिर गुजरात का पार्टी प्रभारी चुनना। 2014 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान को गति दी और बीजेपी को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का दर्जा दिलाया। 2014 में राजनाथ सिंह को जब लखनऊ से उम्मीदवार बनाया गया तो दिनेश शर्मा ने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी। पार्टी उन्हें इन सब कामों का इनाम दे सकती है।

श्रीकांत शर्मा पर भी लग सकता है दांव

श्रीकांत शर्मा पर भी लग सकता है दांव

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। साफ छवि के श्रीकांत शर्मा ने पहली बार चुनाव लड़ा है। वृंदावन से चुनाव लड़ने वाले शर्मा को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और अरुण जेटली का करीबी होने का फायदा मिल सकता है। बीजेपी प्रदेश में ऐसा चेहरा चाहती है जो विवादों में न रहा हो, ऐसे में श्रीकांत शर्मा इसमें सबसे ज्यादा फिट हैं। इससे पहले बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे सर्बानंद सोनोवाल को असम का मुख्यमंत्री बनाया था।

<strong>इनसाइड स्टोरी: उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में इन्हें मिलेगा मंत्री पद!</strong>इनसाइड स्टोरी: उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में इन्हें मिलेगा मंत्री पद!

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English summary
why suresh khanna is leading in race of up cm?
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