उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017: क्या सच में स्टीव जॉर्डिंग ही अखिलेश यादव की छवि चमका रहे है?
भारत की राजनीति में वर्ष 2013 से बाद से बदलाव आने शुरु हो गए हैं और भारतीय राजनीति का अमेरिकीकरण होना शुरु हो गया। पहली बार देश की राजनीति में लोकसभा चुनावों के दौरान व्यक्ति को सामने रखकर चुनाव लड़
नई दिल्ली। भारत की राजनीति में वर्ष 2013 के बाद से बदलाव आने शुरु हो गए हैं और इसके साथ ही भारतीय राजनीति का अमेरिकीकरण होना शुरु हो गया। पहली बार देश की राजनीति में लोकसभा चुनावों के दौरान व्यक्ति को सामने रखकर चुनाव लड़ा गया जैसे कि ठीक अमेरिका में होता रहा है। इसका फायदा सीधा फायदा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला जिनके व्यक्तिव के सामने सारे विपक्षी दल छोटे पड़ गए। इसके बाद इसी तर्ज पर बिहार और दिल्ली में चुनाव लड़ा गया और व्यक्ति विशेष जैसे बिहार में नीतीश कुमार और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने जीत का स्वाद चखा। अब बारी है कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावों की। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है और इस बीच उत्तर प्रदेश की जनता के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर जो चेहरा सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है अखिलेश यादव ही हैं। क्योंकि अखिलेश के मुकाबले में मजबूत होती भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है और उत्तर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बसपा के पास पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम है जिन्हें एक कड़े प्रशासक के तौर पर जाना जाता है, पर उनकी स्वीकार्यता अभी और ब्रांडिंग उस तरह से नहीं हो पाई है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले ही कुछ ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं कि जिस पर संभावनाएं और आशंकाएं दोनों व्यक्त की जा रही हैं। इसी बीच 30 दिंसबर, 2016 को समाजवादी पार्टी में कलह मच गई है और मुलायम और अखिलेश एक-दूसरे के सामने आ गए हैं। मुलायम ने इसी बीच अखिलेश को पार्टी से निकाल दिया तो वहीं इस पूरे घटनाक्रम को पब्लिसिटी स्टंट का नाम देने की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। इंडिया टुडे के टीवी पत्रकार राहुल कंवल ने एक ट्वीट करके यह बताया है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे अमेरिकी राजनीतिक सलाहकार स्टीव जॉर्डिंग हैं। राहुल कंवल ने अपने ट्वीट के जरिए एक मेल का हवाला का देते हुए दावा किया है कि अखिलेश और मुलायम के बीच चल रही रार पूरी तरह से पीआर एजेंसियों का रचा गया स्वांग है। पर अभी इस मेल की असलियत का पता नहीं चल पाया है कि क्या सच में यह मेल सही है या भी फर्जी तरीके से इसे मीडिया में वायरल किया गया है। इस खबर के मीडिया में आने के बाद स्टीव जॉर्डिंग ने राहुल कंवल पर मुकदमा करने की धमकी देते हुए कहा कि बिना तथ्यों की जांच पडताल करे हुए ही उन्होंने इस तरह की खबर चला दी है। स्टीव जॉर्डिंग ने बयान जारी करते हुए कहा कि वो अपने वकीलों से राहुल कंवल के मुकदमा करने के बारे में सोच रहे हैं। राहुल कंवल को कोर्ट में साबित करना होगा कि उन्होंने कैसे मीडिया में यह तथ्य प्रचारित किए। स्टीव जॉर्डिंग की करियर 37 सालों का है। स्टीव जॉर्डिंग ने खुद कहा है कि वो अगस्त से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए काम कर रहे हैं और यह मेल जुलाई का है। जोकि पूरी तरह से फर्जी है। वहीं आपको बताते चलें कि समाजवादी पार्टी की छह सदस्यीय टीम पहले ही अमेरिका में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों से ट्रेनिंग और चुनावी रणनीति सीख कर वापस आ चुकी हैं। जोकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के लिए काम करेगी।
कौन
है
स्टीव
जॉर्डिंग
स्टीव
जॉर्डिंग
हॉवर्ड
कैनेडी
स्कूल
में
वर्ष
2004
से
पढ़ा
रहे
हैं।
वो
पब्लिक
पॉलिसी
के
लेक्चरार
हैं।
इसके
अलावा
उन्हें
अंतर्राष्ट्रीय
एजुकेटर,
लेक्चरर,
लेखक
और
राजनीतिक
सलाहकार
के
तौर
पर
जाना
जाता
है।
कैंपेन
मैनेजमेंट
के
क्षेत्र
में
उन्हें
दो
बार
सबसे
ज्यादा
प्रभावित
करने
वाले
व्यक्तिों
के
तौर
पर
नामित
किया
जा
चुका
है।
इसके
अलावा
स्टीव
जॉर्डिंग
स्पेन
के
आईईएसई
बिजनेस
स्कूल
इन
मेड्रिड
में
भी
पढ़ा
चुके
हैं।
इसे
अलावा
वो
पॉलिटिकल
कैंपेन
मैनेजमेंट
और
मीडिया
ट्रेनिंग
टेक्निक
के
बारे
में
पढ़ाते
हैं।
वो
ब्राजील
और
रोमानिया
जैसे
देशों
में
ट्रेनिंग
दे
चुके
हैं।
वो
अंतर्राष्ट्रीय
सलाहकार
कंपनी
एसजेबी
स्ट्रेटजी
इंटरनेशनल
के
संस्थापक
सहयोगी
और
सीईओ
भी
हैं।
दुनिया
भर
के
15
देशों
में
एशिया,
अफ्रीका,
साऊथ
अमेरिका
और
यूरोप
में
बतौर
सलाहकार
और
लेक्चर
देने
का
काम
कर
चुके
हैं।
अपने
37
साल
के
करियर
में
अमेरिकी
चुनावों
में
कई
प्रत्याशियों
के
लिए
कैंपेन
और
रणनीति
तैयार
करने
का
काम
कर
चुके
हैं।
स्टीव
जॉर्डिंग
फॉक्सस
इन
द
हेंसहाऊस
नाम
से
बुक
भी
लिख
चुके
हैं।
इसकेक
अलावा
हैंडबुक
ऑफ
पॉलिटिकल
एडवरटाइजिंग
पर
भी
काम
कर
चुके
हैं।
वो
डेमोक्रेटिक
सीनेट्रेयिल
कैंपेन
कमेटी
वाशिंगटन
में
बतौर
वरिष्ठ
सलाहकार
काम
कर
चुके
हैं।
स्टीव
जॉर्डिंग
ने
ऐसे
रणनीतिकार
के
तौर
पर
जाना
जाता
है
जिन्होंने
ऐसे
प्रत्याशियों
को
जिता
दिया
है
जिनके
जीतने
की
उम्मीद
बिल्कुल
भी
नहीं
थी।