अयोध्या में राम मंदिर की वकालत और 15 करोड़ का दान है बुक्कल नवाब की पहचान
कौन हैं बुक्कल नवाब जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपए देने का किया था ऐलान, कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनना चाहिए।
लखनऊ। बिहार में जिस तरह से महागठबंधन की भीतर बड़ी फूट पड़ी और नीतीश कुमार ने एक बार फिर से एनडीए के साथ आने का फैसला लिया और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। उसके बाद यूपी में भी सियासी उठापटक शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के बड़े नेता बुक्कल नवाब जो अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं ने सपा का दामन छोड़ दिया है।
अयोध्या नहीं तो क्या इंग्लैंड में बनेगा राम मंदिर
राम मंदिर का मुद्दा हमेशा से ही तमाम पार्टियों के लिए बड़ा राजनीतिक और चुनावी मुद्दा रहा है। समाजवादी पार्टी में रहते हुए बुक्कल नवाब ने राम मंदिर के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर को अयोध्या में ही बनना चाहिए, यही नहीं बुक्कल नवाब ने यहां तक कह डाला था कि अगर राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनेगा तो क्या यह इंग्लैंड में बनेगा।
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मुआवजा मिलने पर 15 करोड़ राम मंदिर के लिए
बुक्कल नवाब ने राम मंदिर के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपए देने का भी ऐलान किया था। जिस वक्त बुक्कल नवाब ने यह ऐलान किया था वह समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता थे और यूपी विधानसभा परिषद में सपा के सदस्य भी थे। बुक्कल नवाब ने कहा था कि जब उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा मिलेगा तो वह उसमें से 15 करोड़ रुपए अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दान देंगे।
सोने का मुकुट पहनाएंगे
नवाब ने कहा था कि राम मंदिर को अयोध्या में ही बनना चाहिए। भगवान राम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था, ऐसे में भगवान राम का मंदिर यहीं बनना चाहिए। बुक्कल नवाब 15 करोड़ रुपए के ऐलान से पहले कहा था कि वह राम मंदिर के निर्माण के बाद भगवान को 10 लाख रुपए का सोने का मुकुट पहनाएंगे। इसके साथ ही वह 10 लाख रुपए दान भी देंगे। नवाब ने कहा था कि यह मुकुट और 10 लाख रुपए 15 करोड़ रुपए से अलग होगा।
गोमती रिवर फ्रंट से मिलेगा मुआवजा
बुक्कल नवाब ने कहा था कि उन्हें सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपए का मुआवजा मिलेगा। नवाब की जमीन का इस्तेमाल गोमती रिवर फ्रंट को बनाने में इस्तेमाल किया गया है। लेकिन अभी तक नवाब को इसका मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने साफ किया है कि वह मुआवजा मिलते ही इसका पचास फीसदी राम मंदिर निर्माण के लिए देंगे।