सपा की जंग में कौन अखिलेश तो कौन मुलायम के साथ?
सपा में मचे घमासान के बीच अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव के खेमे बंट गए हैं, लेकिन इस विवाद में मुलायम सिंह यादव के साथ बहुत ही कम लोग खड़े हैं।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर पिता-पुत्र के बीच में घमासान मचा हुआ है, जहां अखिलेश यादव पार्टी पर पूर्ण स्वामित्व का दावा ठोंक चुके हैं तो मुलायम सिंह यादव अभी भी खुद को पार्टी का जनक मानते हैं और पार्टी की कमान खुद के हाथ में रखना चाहते हैं। ऐसे में इस विवाद के बीच पार्टी के नेता दो गुट में बंट गए हैं, एक गुट जहां अखिलेश यादव के साथ खड़ा है तो दूसरी तरफ मुलायम सिंह के साथ गिने-चुने लोग ही खड़े दिखाई दे रहे हैं।
सपा के भीतर के संग्राम के भीतर तमाम नेता ऐसे भी हैं जो अभी तक यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि किस नेता के पक्ष में जाए, एक तरफ जहां ये नेता चाहते हैं कि पार्टी के भीतर सबकुछ पहले की तरह से हो जाएं। सपा के पास कुल 229 विधायक हैं, जिनमें से अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में 207 विधायकों ने हिस्सा लिया, वहीं विधान परिषद में सपा के 60 विधायकों में से 40 ने इस बैठक में शिरकत की थी। इसके अलावा 150 जिलो में से 100 जिलों के जिलाध्यक्ष ने भी अखिलेश यादव की बैठक में शिरकत की। ऐसे में अखिलेश यादव के साथ बहुमत में विधायक, व नेता खड़े दिखे, जबकि मुलायम सिंह के खेमे के लिए मुश्किल है। वहीं आजम खान ने अभी तक किसी भी गुट के साथ जाने का फैसला नहीं लिया है, बल्कि वह विवाद को सुलझाने की भूमिका निभा रहे हैं।
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दंगल:
जब्त
हो
सकता
है
साइकिल
चुनाव
चिह्न-कुरैशी
वहीं
संसदीय
समिति
के
सदस्यों
पर
नजर
डालें
तो
अमर
सिंह
को
छोड़कर
सभी
सदस्य
अखिलेश
यादव
के
साथ
खड़े
हैं,
जिसमें
रवि
वर्मा,
रामगोपाल
यादव,
जो
एंथनी
और
किरणमय
नंदा
है।
जबकि
सपा
के
पांच
लोकसभा
सांसद
में
से
मुलायम
सिंह
अकेले
हैं,
जबकि
अखिलेश
के
साथ
डिंपल
यादव,
धर्मेंद्र
यादव,
तेजप्रताप
सिंह
यादव,
अक्षय
यादव।
अखिलेश
खेमा
रामगोपाल
यादव
रेवती
रमण
सिंह
नरेश
अग्रवाल
दुर्गा
यादव
बलराम
यादव
धर्मेंद्र
यादव,
अक्षय
यादव
तेजप्रताप
यादव
बीएस
रामूवालिया
मुलायम
सिंह
खेमा
संसदीय
बोर्ड
में
सिर्फ
अमर
सिंह
शिवपाल
सिंह
बेनी
प्रसाद
वर्मा
गायत्री
प्रजापति