काशी में है पीएम मोदी के कुल देवता का मंदिर, देखें तस्वीरें
पीएम मोदी के वाराणसी से सांसद बनने से चर्चा में आया हाटकेश्वर महादेव का मंदिर, पीएम मोदी के पूर्वजों ने सैकड़ों साल पहले बनवाया था जिसके पीएम मोदी ने आज तक दर्शन नहीं किये हैं।
वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी का काशी से रिश्ता भले ही बीते लोकसभा चुनाव के बाद सामने आया हो लेकिन ये रिश्ता नया नहीं है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के पूर्वजों ने आज से सैकड़ों साल पहले वाराणसी के विश्वेश्वर खण्ड में अपने कुलदेवता का मंदिर बनवाया था। यह मंदिर मोदी के सांसद बनने से चर्चा में आया था। लेकिन अभी तक सिर्फ नरेंद्र मोदी के बड़े भाई सोमभाई मोदी ने ही इस हाटकेश्वर मंदिर के दर्शन किये है। ये भी पढ़ें: पूर्वी यूपी में भाजपा के इस दांव से पार पाना मुश्किल है
पीएम मोदी ने नहीं किए अभी तक अपने कुलदेवता हाटकेश्वर के दर्शन
बता दें कि विधानसभा चुनाव के क्षेत्र के नजरिये से देखा जाये तो ये मंदिर शहर के दक्षिणी विधानसभा में आता है और ये विधानसभा भाजपा का गढ़ मन जाता है। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के बाद जब पीएम मोदी पहली बार वाराणसी के गंगा घाट पर गंगा आरती देखने आये थे तो उन्होंने अपने उद्बोधन में इस मंदिर का जिक्र भी किया था। लेकिन आज तक प्रधानमंत्री ने अपने कुलदेवता हाटकेश्वर का दर्शन नहीं किया है।
नागर समाज के लोगों ने हाटकेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना की
वहीं, नरेंद्र मोदी जिस वाडनगर से आते हैं, वहीं से 17 किलोमीटर दूर विषनगर से नागर समाज के लोग सैकड़ों साल पहले काशी आये थे। इन लोगों ने वर्धमान के दूध विनायक के गोविंदजी लेन में हाटकेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना की थी।
पीएम मोदी के घर के पीछे भी है हाटकेश्वर महादेव का मंदिर
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात के घर के पीछे ही हाटकेश्वर महादेव का मंदिर है। लेकिन, पूर्वजों ने काशी की परंपरा के अनुसार यहां भी मंदिर की स्थापना करवाई थी। इस मंदिर के वर्तमान स्वरूप का जीर्णोंद्वार 1965 में कराया गया है और अब इसकी देख-रेख वाराणसी के रहने वाले नागर समाज के लोग करते हैं।
मंदिर में लगे दर्पण से ही स्थानीय लोग दर्शन करते हैं
नागर समाज के लोगों ने मंदिर की व्यवस्था के लिए विशा नागर वैश्य सभा नाम से समिति थी बनाई है और आपसी सहयोग से इस मंदिर की व्यवस्थाएं आज भी चलती हैं। मोदी के कुलदेवता यानि हाटकेश्वर के मंदिर में रोजाना सुबह 9 बजे और शाम 7 बजे आरती और पूजन होता है। जिसके लिए पुजारी की नियुक्ति भी की गयी है। वैसे तो मंदिर खुले रहने पर इस शिवलिंग का गर्भग्रह से दर्शन किया जाता है। लेकिन जब पट बंद होता है तो मंदिर में लगे दर्पण से ही स्थानीय लोग दर्शन करते हैं।
विशेष अवसरों में होता है विशेष अनुष्ठान
मंदिर से जुड़े नरोत्तम दास गोठी और बल्लभ दास नागर ने oneindia को बताया कि इस हाटकेश्वर मंदिर में विशेष अवसरों पर श्रृंगार कराया जाता है।जैसे कि महाशिवरात्रि, रक्षा बंधन, सावन का श्रृंगार, गंगा दशहरा, रंगभरी एकादशी सहित अंत शुभ तिथियों पर विशेष पूजन किया जाता है।
पिछले साल मंदिर में आए थे पीएम मोदी के बड़े भाई
बता दें कि उस समय इंदौर, अहमदाबाद, पुणे, सतारा, महाराष्ट्र, उदयपुर से हजारों भक्त काशी में आकर अपने कुलदेवता का दर्शन करते हैं। मंदिर में मौजूद पंडितों से oneinida के ये पूछने पर कि क्या कोई आज तक प्रधानमंत्री के परिवार का कोई सदस्य नहीं आया तो ये बताया कि बीते साल नरेंद्र मोदी के बड़े भाई यहां आये थे लेकिन उसके बाद से यहां कोई नहीं आया।
पीएम मोदी के दौरे पर चली थी मंदिर होने की बात
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