वाराणसी: टूटी पटरी को दूर से ही सूंघ लेगा इंजन, नहीं हो पाएगा रेल हादसा!
बढ़ते रेल हादसों को देखते हुए वाराणसी के तीन दोस्तों ने मिलकर एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जिससे रेल हादसों पर रोक लग सकेगी। ये डिवाइस इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट के तीन दोस्तों ने 40 दिनों में तैयार की है।
वाराणसी। देश में लगातार बढ़ते रेल हादसों की वजह से कई लोग बेमौत ही मरते जा रहे हैं। हाल ही में कानपुर में हुए बड़े रेल हादसे में कई लोगों की जाने गई थी जो रेल प्रशासन पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करती है। ऐसे में इन बढ़ते रेल हादसों को देखते हुए वाराणसी के तीन दोस्तों ने मिलकर एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जिससे रेल हादसों पर रोक लगाई जा सकेगी। ये डिवाइस इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट के तीन दोस्तों ने 40 दिन में तैयार की है। ये भी पढ़ें: MP: अपने पैसों से सरकारी स्कूल की काया पलट करनेवाले इस टीचर को सलाम
40 दिनों बनकर तैयार हुई है ये डिवाइस
वाराणसी के एक निजी इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने मिलकर एक डिवाइस को बनाया है। बता दें कि ये डिवाइस 40 दिनों में तैयार की गई है। इन्होंने एक डमी रेल इंजन बनाया है और एक लंबी पटरी जिसपर चलने वाली ट्रेन पूरी तरह से सुरक्षित होगी। दरअसल, ये डिवाइस रेलवे ट्रैक के कहीं से भी टूटने पर ट्रेन में लगे इंजन को को सूचित कर देगी जिससे ट्रेन रुक जायेगी।
ऐसे काम करती है ये डिवाइस
इस डिवाइस को बनाने वाले शिवम सिंह, उज्जवल मिश्रा और मयंक बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट में उन्होंने ट्रेन को अर्थ से कनेक्टिविटी दी हुई है। इस कनेक्टिविटी को सेंसर के जरिये जोड़ा गया है। जो लिमिट डिस्टेंस में लगाया गया है। इससे ये होगा कि जब पर्टिक्युलर रेंज में ट्रेन आएगी और पटरी पर कहीं कमी होगी तो इंजन में लगे सेंसर के द्वारा पता चल जायेगा और सीधे कंट्रोल रूम को सुचना देगा जिससे ट्रेन निश्चित दूरी पर रोकी जा सकेगी।
रेल हादसों पर लग सकती है लगाम
इंजीनियरिंग कॉलेज के हेड चंदमनी यादव ने बताया कि इन छात्रों ने एक थीम दी है। जिसका उचित तौर पर इस्तेमाल करने पर देश में आए दिन हो रहे रेल हादसों को रोका जा सकता है। वहीं, चंदमनी ने आगे बताया कि इस मॉडल को प्रेक्टीकली देखा गया है जिसमें 200 मीटर तक की दूरी में सफलता मिली हैं।