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यूपी के कई शहरों में 'वंदे मातरम' पर विवाद, बनारस और गोरखपुर पहुंचा मामला

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद, जहां भी भाजपा पार्षद बहुमत में हैं वहां वंदेमातरम् पर बहस शुरु हो गई है।

By Rahul Sankrityayan
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लखनऊ। बरेली, मेरठ और मुरादाबाद के बाद अब वाराणसी और गोरखपुर में के नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने घोषणा कर दी है कि अब बोर्ड मीटिंग के पहले वो वंदेमातरम् गाया जाएगा। विपक्षी दलों से कुछ मुस्लिम और गैर मुस्लिम पार्षदों ने इसे नई परंपरा बताया है।

वाराणसी में हुए वंदेमातरम् का गायन

वाराणसी में हुए वंदेमातरम् का गायन

वाराणसी में भाजपा पार्षद अजय गुप्ता ने अपने चौथे प्रस्ताव में कहा है कि बोर्ड की हर मीटिंग के पहले वंदेमातरम् अवश्य गाया जाए। हालांकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है कि ये परंपरा नहीं है। हालांकि भाजपा पार्षद और मेयर राम गोपाल गए और वंदेमातरम् गाया। वंदेमातरम् गाये जाने के कुछ देर बाद आदेश जारी कर दिया कि निगम की सभी बैठकों की शुरुआत वंदेमातरम् पर से ही होगा और आखिरी में राष्ट्रगान जाएगा। इस मसले पर सपा पार्षद विजय जयसवाल ऐसी कोई परंपरा वाराणसी या किसी अन्य नगर निगम में नहीं है, वो सिर्फ विवाद खड़ा करना चाहते है।

गोरखपुर की मेयर सत्या पांडे ने लिया फैसला

गोरखपुर की मेयर सत्या पांडे ने लिया फैसला

वहीं गोरखपुर में मेयर सत्या पांडे ने भी शनिवार को घोषणा की थी कि मीटिंग की समाप्ति वंदेमातरम् से होगा। हालांकि यहां भी कुछ सपा पार्षदों ने यहां भी इसका विरोध किया और कई लोग मीटिंग से उठ कर चले गए। दूसरी ओर सत्या पांडे ने कहा कि वंदेमातरम् गाना अपराध तो नहीं है। बहुत से पार्षदों ने इसे गाया। सिर्फ कुछ ही सपा पार्षदों ने इसका विरोध किया। हम राष्ट्रवाद को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहते।

धमाकेदार हो सकती है बैठक

धमाकेदार हो सकती है बैठक

इससे पहले बरेली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में भाजपा के पार्षदों ने फैसला किया था कि वो बोर्ड की हर मीटिंग के पहले राष्ट्र गीत वंदेमातरम् गाएंगे। पार्षदों ने दावा किया था कि इस आशय का प्रस्ताव बोर्ड की मीटिंग में ही पहले पास कर दिया गया था लेकिन उस वक्त सत्ता में समाजवादी पार्टी थी, जिसके कारण उस पर रोक लग गई। बात फिलहाल की करें तो सपा के पार्षद अभी बहुमत में हैं, ऐसे में बोर्ड की अगली बैठक काफी धमाकेदार हो सकती है।

मेरठ में हुआ था बवाल

मेरठ में हुआ था बवाल

वहीं मेरठ में 29 मार्च को नगर निगम बोर्ड की बैठक में वंदेमातरम् गायन शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्षदों द्वारा सदन छोड़ने पर विवाद हो गया था। विपक्षी पार्षद जब वंदे मातरम खत्म होने के बाद लौटे तो ये प्रस्ताव पास कर दिया गया कि जो पार्षद वंदे मातरम के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहेगा उसे बोर्ड बैठक में स्थान नहीं दिया जाएगा। ऐसे पार्षदों की सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है। इसको लेकर हुए हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने 'हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा' के नारे लगाए थे।

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English summary
Uttar Pradesh: Vande Mataram made mandatory at Varanasi, Gorakhpur civic meetings
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